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chairperson of National Commission for Protection of Child Rights and State Commission clash in west Bengal
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West Bengal: बंगाल में फिर भिड़े केंद्र और राज्य बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष
अमर उजाला ब्यूरो, कोलकाता
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 01 Apr 2023 03:18 PM IST
West Bengal: जानकारी के मुताबिक केंद्रीय आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो जब पीड़िता के घर में प्रवेश करने लगे, उसी समय सुदेष्णा भी राज्य महिला और बाल अधिकार रक्षा आयोग के प्रतिनिधियों को साथ लेकर पहुंच गईं...
कोलकाता के बाद मालदा जिले के गाजोल में एक बार फिर केंद्र और राज्य बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष भिड़ गए। यहां पर छठवीं कक्षा की दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के घर पर जांच करने पहुंचे राष्ट्रीय महिला और बाल अधिकार रक्षा आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो और राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग की चेयरपर्सन सुदेष्णा रॉय आपस में भिड़ गए। दूसरी ओर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पूछा, इतने दिनों तक राज्य आयोग कहां था, घटनास्थल पर गई क्यों नहीं।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय आयोग के अध्यक्ष प्रियंक जब कानूनगो पीड़िता के घर में प्रवेश करने लगे, उसी समय सुदेष्णा भी राज्य महिला और बाल अधिकार रक्षा आयोग के प्रतिनिधियों को साथ लेकर पहुंच गईं। आरोप है कि उन्हें प्रियंक ने वहां से चले जाने के लिए कहा। कानूनगो ने कहा कि जब मैं आया हूं, तभी आप लोग क्यों बच्ची के घर आ रहे हैं? 10 दिनों पहले आप लोग कहां थे? सुदेष्णा ने कहा कि राज्य और केंद्रीय आयोग के सदस्यों को एक साथ मिलकर काम करना है, लेकिन प्रियंक इसमें बाधा पैदा कर रहे हैं।
जानकारी मिली है कि मौके पर पहुंची भाजपा विधायक श्रीरूपा मित्र चौधरी और उनके समर्थकों पर उत्तर मालदा महिला समिति की तृणमूल नेत्री छंदा चौधरी और जिला परिषद की सदस्य सागरिका सरकार के समर्थकों ने हमला कर दिया। लात-घूंसे और जूते-चप्पल चले। इस पर स्थानीय लोगों ने सागरिका और तृणमूल के अन्य नेताओं को भगाया।
दूसरी ओर, घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सवाल किया, इतने दिनों तक राज्य आयोग कहां था, घटनास्थल पर गई क्यों नहीं। जब केंद्र से टीम आई तो वे भी वहां पहुंच गए। ऐसे में काम कैसे होगा। एक दिन पहले भी ऐसे ही कोलकाता के तिलजला में भी पीड़िता के घर के बाहर भी दोनों आपस में भिड़ गए थे। बाद में प्रियंक ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट की गई।
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