कृष्ण ने जीवन जीने की पूरी कुंजी हम इंसानों को दी है। गीता में उन्होंने जीवन का रहस्य समझाया है। आपको हम बाते हैं कृष्ण के वो संदेश जिससे जिंदगी बेहद आसान हो जाएगी।
लोग भगवान को खुश करने के लिए और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए ना जाने क्या-क्या करते हैं। गुजरात में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर भी है जहां भगवान को खुश करने के लिए केंकड़ों का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। ऐसा क्यों है देखिए इस रिपोर्ट में।
देवनगरी प्रयागराज की त्रिवेणी संगम नगरी में चल रहे अर्धकुंभ के अवसर पर सभी लोग गंगा में शाही स्नान कर रहे हैं। बता दें कि 'भईया जी का दाल भात' नाम की संस्था ने लोगों को निशुल्क राजमा चावल का भोजन कराया।
प्रयागराज से लेकर वाराणसी और तेलंगाना में मकर संक्रांति के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। आइए दिखाते हैं सभी पर कैसा छाया है मकर संक्रांति का रंग।
हमारे घरों में बरसों से मनाए जा रहें रीति-रिवाज़ और लोक पर्व भी अपने भीतर अलग-अलग कहानियां समेटे हुए हैं। मकर संक्रांति पर्व को विशेष रूप से खिचड़ी खाने और पतंग उड़ाने का दिन माना जाता है। इस खास रिपोर्ट में देखिए देश के कई हिस्सों में कैसे और किस नाम से संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
मकर संक्रांति के मौके पर देशभर में लोग आस्था और भक्ति के रंग में डूबे नजर आते हैं। सभी के लिए अलक-अलग तरीके से ही सही लेकिन इस दिन को लेकर बहुत महत्व हैं। आइए दिखाते हैं कि आखिर क्या है मकर संक्रांति और क्यों है इसका इतना महत्व। साथ ही जानिए अपनी जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए इस दिन क्या-क्या करना चाहिए।
हर साल देशभर में मकर संक्रांति के एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं। चलिए आपको बताे हैं कि आखिर क्यों मनाई जाती है लोहड़ी और क्या है इसका महत्व।
रविवार सुबह छह जनवरी को इस साल का पहला सूर्यग्रहण लगने वाला है। ये आंशिक सूर्यग्रहण होगा। इस ग्रहण के साथ साल में पांच ग्रहण में पड़ेंगे, जिसमें तीन सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेगा। तो चलिए जानते हैं कहां-कहां सूर्यग्रहण दिखाई देने वाला है और ग्रहण से जुड़े वैज्ञानिक, पारंपरिक पक्ष और साथ ही ग्रहण से जुड़े मिथकों को भी जानने की कोशिश करते हैं इस खास रिपोर्ट में।
नया साल 2019 आने वाला है। नए साल में पड़ने वाले ग्रहण के बारे में हर कोई जानना चाहता है क्योंकि ग्रहण का लोगों की जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है। तो आइए बताते हैं साल 2019 में पड़ने वाले सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के बारे में।
देवाधिदेव शिव का स्वरूप हैं भगवान कालभैरव। जानें किसलिए हुआ था कालभैरव का प्राकट्य और किस कामना से की जाती है उनकी पूजा —
देश भर में आज 23 नवंबर को सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाया जा रहा है, आइए जानते हैं आज इस पावन दिन दिल्ली किस गुरुद्वारे में मत्था टेकने से मिलेगी गुरुकृपा, जिसकी स्थापना स्वयं गुरु नानक देव जी ने की थी —
19 अक्टूबर 2018 कार्तिक शुक्ल की एकादशी को भगवान विष्णु के जागने के के साथ ही शुभ कार्यो की शुरूआत हो जाएगी। इसी पावन दिन भगवान विष्णु के एक स्वरूप शालिग्राम से तुलसी का विवाह भी होता है। आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी की पूजा विधि और उपाय —
मंगलवार को महापर्व छठ की छटा हर ओर देखने को मिली। शाम को डूबते सूरज को अर्घ्य देने के लिए व्रती अपने संबंधियों के साथ नदियों के किनारे पहुंचे और छठी मैया की पूजा की। छठ पूजा का अगला अर्घ्य 14 नवंबर बुधवार को सुबह किस शुभ मुहूर्त में दिया जाएगा आप इस रिपोर्ट में देखिए।
चार दिन तक चलने वाले सूर्य उपासना छठ पूजा का महापर्व 11 नवंबर से शुरू हो रहा है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा करना और फिर अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
प्रयागराज में भी भाईदूज के मौके पर यमुना नदी में स्नान के लिए श्रद्धालु उमड़े। हजारों की संख्या में भाई-बहनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर डुबकी लगाई और दीपदान किया। बता दें कि भाईदूज के दिन यमुना में डुबकी लगाने की पौराणिक मान्यता होती है और यही वजह रही कि यहां भाई-बहनों का हुजूम लग गया।
करवा चौथ पर पत्नी निराजल व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। ऐसे में पति को भी चाहिए कि वो अपनी पत्नी को करवा चौथ के दिन खुश रखें। यहां हम आपको बताते हैं कि करवा चौथ पर अपनी पत्नी को आप राशि के अनुसार कौन सा उपहार दें जो न सिर्फ आपकी अर्धांगिनी को खुश कर देगा बल्कि सौभाग्य के द्वार भी खोलेगा।
तमिलनाडु के प्रसिद्ध रामेश्वरम मंदिर में श्रद्धालुओं ने नंगे पांव अंगारों पर चलकर अपनी भक्ति का परिचय दिया। यहां नवरात्रे के आखिरी दिन अंगारों पर चलने की इस परंपरा का हर साल आयोजन होता है। रात के समय देवी मां की उपासना की जाती है, जिसमें लोग अंगारों के ऊपर चलकर उनका आह्वान करते हैं।
नवरात्र के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री के पूजन का विधान है। माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। जानिए क्या है मां की पूजन विधि।
बुधवार 17 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि में मां दुर्गा के आठवें रूप देवी महागौरी की पूजा का विधान है। अष्टमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। आप देखिए, कब है अष्टमी में कन्या पूजन का मुहूर्त और किस विधि से करनी है कन्याओं की पूजा।
नवरात्रि की सप्तमी में मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि काल का विनाश करनेवाली मानी जाती हैं। इनकी आराधना से दुख दूर होते हैं और शत्रुओं का नाश होता है। आप देखिए, मां कालरात्रि की पूरी पूजा विधि।