जिन बच्चों को उनके पिता का नाम नहीं मिला। जिन औलादों की मां उनसे ठीक से भी नहीं मिल पाती। अपने पास इस डर से नहीं रखती कि उनके बच्चे उस गंदे पेशे के बारे में ना जान पाएं जिनमें उनकी मां का रहना मजबूरी है। इन्हीं मासूम बच्चों का समाजसेवी ललिता ना सिर्फ ख्याल रखती हैं बल्कि उन्हें शिक्षित भी करती हैं। ललिता के पढ़ाए बच्चे आज अपना बेहतर भविष्य बनाकर अपनी मां को भी सेक्स वर्क के पेशे से दूर ले जा रहे है। देखिए दिल्ली की रेड लाइट में पैदा होने वाले बच्चों की गुरु ललिता की कहानी।