नैनीताल। नैनीताल में पली बढ़ी लतिका भंडारी ने काठमांडू में चल रहे साउथ एशियन गेम्स में 53 किलोग्राम तक के वर्ग में ताइक्वांडो में स्वर्ण पदक प्राप्त कर नैनीताल और उत्तराखंड सहित देश का गौरव बढ़ाया है। हालांकि, बेहद प्रतिभाशाली लतिका को उत्तराखंड सरकार ने कोई महत्व नहीं दिया, लेकिन मध्य प्रदेश में मिली सुविधा के बाद लतिका ने दर्जनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण सहित कई पदक जीते।
25 वर्षीय लतिका अब तक 2014 में ताशकंद रूस में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, 2016 में इजराइल ओपन में कांस्य, 2017 में कामनवेल्थ चैंपियनशिप मॉन्ट्रियाल में रजत, इसी वर्ष प्रेसिडेंटस कप ताशकंद में कांस्य, कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप कनाडा में रजत, 2018 में फुजैरा ओपन में स्वर्ण, इसी वर्ष मलयेशिया ओपन कुआलालंपुर में रजत और 2019 के फज्र ओपन में रजत पदक जीत चुकी है।
लतिका ने यहां एमएल साह बालिका इंटर कॉलेज से 10वीं की परीक्षा पास की। स्कूल से वर्ष 2008 में हुई नेशनल प्रतियोगिता में उसने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उत्तराखंड में लतिका की प्रतिभा को कोई तवज्जो नहीं मिली, लेकिन खेल एवं युवा कल्याण विभाग मध्य प्रदेश ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। वहां उसका चयन स्पोर्ट्स कॉलेज भोपाल के लिए हो गया। वहीं से उसने ग्रेजुएशन किया और मध्य प्रदेश की ओर से ही उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया।
लतिका के पिता महेंद्र भंडारी सेना में असम राइफल्स में हैं, जबकि माता नीमा गृहणी हैं। उनके भाई पीयूष ने पंजाब से एमटेक किया है। नैनीताल में लतिका के कोच रहे ललित आर्या का हाल ही में आकस्मिक निधन हो गया था।
पीडी तिवारी स्मृति समारोह में मिला सम्मान
नैनीताल। कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्ण जीतने के अलावा देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मेडल्स का ढेर लगा देने वाली लतिका को उत्तराखंड से कोई सुविधा तो दूर कभी कोई सम्मान तक नहीं मिला। दो वर्ष पहले नैनीताल में जब स्व. पीडी तिवारी स्मृति समारोह में लतिका को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया तो उसका दर्द छलक उठा। उसने बताया कि उत्तराखंड में यह पहली बार है जब उसे सम्मानित किया गया है।
नैनीताल। नैनीताल में पली बढ़ी लतिका भंडारी ने काठमांडू में चल रहे साउथ एशियन गेम्स में 53 किलोग्राम तक के वर्ग में ताइक्वांडो में स्वर्ण पदक प्राप्त कर नैनीताल और उत्तराखंड सहित देश का गौरव बढ़ाया है। हालांकि, बेहद प्रतिभाशाली लतिका को उत्तराखंड सरकार ने कोई महत्व नहीं दिया, लेकिन मध्य प्रदेश में मिली सुविधा के बाद लतिका ने दर्जनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण सहित कई पदक जीते।
25 वर्षीय लतिका अब तक 2014 में ताशकंद रूस में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, 2016 में इजराइल ओपन में कांस्य, 2017 में कामनवेल्थ चैंपियनशिप मॉन्ट्रियाल में रजत, इसी वर्ष प्रेसिडेंटस कप ताशकंद में कांस्य, कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप कनाडा में रजत, 2018 में फुजैरा ओपन में स्वर्ण, इसी वर्ष मलयेशिया ओपन कुआलालंपुर में रजत और 2019 के फज्र ओपन में रजत पदक जीत चुकी है।
लतिका ने यहां एमएल साह बालिका इंटर कॉलेज से 10वीं की परीक्षा पास की। स्कूल से वर्ष 2008 में हुई नेशनल प्रतियोगिता में उसने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उत्तराखंड में लतिका की प्रतिभा को कोई तवज्जो नहीं मिली, लेकिन खेल एवं युवा कल्याण विभाग मध्य प्रदेश ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। वहां उसका चयन स्पोर्ट्स कॉलेज भोपाल के लिए हो गया। वहीं से उसने ग्रेजुएशन किया और मध्य प्रदेश की ओर से ही उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया।
लतिका के पिता महेंद्र भंडारी सेना में असम राइफल्स में हैं, जबकि माता नीमा गृहणी हैं। उनके भाई पीयूष ने पंजाब से एमटेक किया है। नैनीताल में लतिका के कोच रहे ललित आर्या का हाल ही में आकस्मिक निधन हो गया था।
पीडी तिवारी स्मृति समारोह में मिला सम्मान
नैनीताल। कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्ण जीतने के अलावा देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मेडल्स का ढेर लगा देने वाली लतिका को उत्तराखंड से कोई सुविधा तो दूर कभी कोई सम्मान तक नहीं मिला। दो वर्ष पहले नैनीताल में जब स्व. पीडी तिवारी स्मृति समारोह में लतिका को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया तो उसका दर्द छलक उठा। उसने बताया कि उत्तराखंड में यह पहली बार है जब उसे सम्मानित किया गया है।