रानीखेत (अल्मोड़ा)। यहां बुधवार को नानीसार बचाओ रैली हुई। जिसमें एकजुट आंदोलनकारी ताकतों ने प्रदेशभर में मजबूती से जड़ें जमा चुके माफियाराज के खात्मे के लिए संघर्ष का एलान किया। कहा कि नानीसार में जिस तरह से कांग्रेस सरकार ने पूंजीपतियों को ग्रामीणों की भूमि लुटाई थी, इसकी नतीजा है कि वह सत्ता से बेदखल हो गए, लेकिन आंदोलनकारियों का संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी भी की गई। बाद में हुई जनसभा में आंदोलन को लेकर भविष्य की रणनीति तय की गई।
द्वारसों में हुई नैनीसार रैली में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि आपदा, विस्थापन के मारे लाखों लोग भूमिहीन गरीब, दलित जमीन के लिए तरस रहे हैं, लेकिन सरकारें इन्हें जमीन देने के बजाए पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव भूमि लुटा रही है। निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी यही गलती की थी। उन्हें आज जमीन पर पैदल चलना पड़ रहा है। प्राकृतिक संसाधनों की लूट को किसी भी हालत में नहीं बख्शा जाएगा। नानीसार आंदोलन ने ही पूरे प्रदेेश में जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त पर रोक लगाने का काम किया है। इस आंदोलन को भविष्य में जारी रखा जाएगा।
अन्य आंदोलनकारियों ने कहा कि सत्ता का लगातार दुरुपयोग कर रहे राजनैतिक लोगों के कारण प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा है। राजनैतिक लोगों की नीतियां नहीं बदली तो भविष्य में इनके और भी बुरे परिणाम होंगे। वक्ताओं ने कहा कि नानीसार की भूमि पूंजीपतियों को अवैध तरीके से लुटाई गई है।
इस मामले में निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ ही अल्मोड़ा और रानीखेत के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। दावा किया कि नानीसार आंदोलन ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया, अब जिंदल समूह को नानीसार से अवैध कब्जा छोड़कर जान होगा।
21 अप्रैल को पूरे प्रदेश से राज्यपाल को ज्ञापन भेजे जाएंगे। इस दौरान नानीसार बचाओ संघर्ष समिति समेत रामनगर से पहुंचे प्रभात ध्यानी, सुरेश नौटियाल, अनीता नौटियाल, कुलदीप मठपाल, योगराज त्यागी, मुनीश कुमार, ललित उप्रेती, आनंदी मनराल, आनंदी वर्मा, जीवन चंद्र, अमीनुर्रहमान, देवेंद्र कैंथोला, नारायण सिंह रावत, जीवन चंद्र, गुलाब सिंह, राजेंद्र सिंह आदि थे।
रानीखेत। नानीसार रैली को लेकर प्रशासन की खासी फजीहत हुई। दरअसल नानीसार बचाओ संघर्ष समिति ने रैली नानीसार में रखी थी, लेकिन आंदोलनकारियों ने द्वारसों में रैली का आयोजन कर दिया। प्रशासन के लोग सुबह से ही नानीसार में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा थामे थे। तहसीलदार दामोदर पांडेय ने बताया कि देर शाम तक नानीसार में आंदोलनकारी नहीं पहुंचे तो वह लोग लौट आए।
रानीखेत। नानीसार रैली के लिए द्वारसों में एकत्रित हुए आंदोलनकारी ताकतों ने जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही पूरे पहाड़ से माफियाराज को खत्म करने का संकल्प जताया। अन्य लोगों से भी सहयोग की अपील की।