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वैदिक ज्योतिष में शनि को कर्मफलदाता माना गया है। यह हमारे कर्मों के अनुसार ही हमें फल देता है। हालांकि इसकी चाल बेेहद धीमी है इसलिए इसका अच्छा या बुरा असर लंबे समय तक रहता है। लेकिन यह जरुरी नहीं है कि शनि हमेशा ही बुरे फल देता है। जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है शनि का फल उसके लिए सदैव अच्छा होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित है या कमजोर है तो आपको शनिवार के दिन शनि ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है।
1. प्रत्येक शनिवार को शनि मंंदिर में तेल का दीपक जलाएं।
2. शनिवार व मंगलवार के दिन क्रोध न करें और न ही किसी का अपमान करें।
3. शनिवार को मांस, मछली व नशीली चीजों का सेवन बिलकुल न करें।
4. प्रत्येक शनिवार को कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देंखे और उसे दान दे दें।
5. प्रत्येक शनिवार को सोते समय शरीर व नाखूनों पर तेल लगाएं।
6. शनिवार को गुड़ व चने से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं।
7. शनिवार को काले वस्त्र धारण करें।
वैदिक ज्योतिष में शनि को कर्मफलदाता माना गया है। यह हमारे कर्मों के अनुसार ही हमें फल देता है। हालांकि इसकी चाल बेेहद धीमी है इसलिए इसका अच्छा या बुरा असर लंबे समय तक रहता है। लेकिन यह जरुरी नहीं है कि शनि हमेशा ही बुरे फल देता है। जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है शनि का फल उसके लिए सदैव अच्छा होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित है या कमजोर है तो आपको शनिवार के दिन शनि ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है।
1. प्रत्येक शनिवार को शनि मंंदिर में तेल का दीपक जलाएं।
2. शनिवार व मंगलवार के दिन क्रोध न करें और न ही किसी का अपमान करें।
3. शनिवार को मांस, मछली व नशीली चीजों का सेवन बिलकुल न करें।
4. प्रत्येक शनिवार को कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देंखे और उसे दान दे दें।
5. प्रत्येक शनिवार को सोते समय शरीर व नाखूनों पर तेल लगाएं।
6. शनिवार को गुड़ व चने से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं।
7. शनिवार को काले वस्त्र धारण करें।