न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Wed, 31 Oct 2018 09:16 PM IST
खेत में अकेले काम करती गीता को देखकर कोई भी उसके फौलादी इरादों को भांप सकता है। उसने 16 साल की उम्र में अपने बाल विवाह को रोका, इंटर तक पढ़ाई भी की। घर के हालात ऐसे कठिन होते गये कि आगे की पढ़ाई वह जारी न रख सकी। लेकिन बाल विवाह के नुकसानों को उसने अपने घर वालों को इस मजबूती से कहा कि उसके बाल विवाह की जिद फिर नहीं की गयी।
श्रावस्ती के इकौना ब्लॉक के बनकटा गांव के किसान महादेव यादव की बेटी गीता आज पिता के न रहने पर भी अपने खेत को खुद ही संभालती है। बीस साल की गीता ने जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और वह हर मुसीबत का सामना हिम्मत और सूझबूझ से करती आई है। वह खेती करती है, सिलाई करती है और अपने परिवारका मजबूत सहारा बनकर खड़ी है। स्मार्ट बेटियां अभियान के तहत काम कर रही इंटरनेट साथी राजकुमारी यादव ने इस वीडियो कथा को बनाकर
अमर उजाला को भेजा है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती औरबलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।
खेत में अकेले काम करती गीता को देखकर कोई भी उसके फौलादी इरादों को भांप सकता है। उसने 16 साल की उम्र में अपने बाल विवाह को रोका, इंटर तक पढ़ाई भी की। घर के हालात ऐसे कठिन होते गये कि आगे की पढ़ाई वह जारी न रख सकी। लेकिन बाल विवाह के नुकसानों को उसने अपने घर वालों को इस मजबूती से कहा कि उसके बाल विवाह की जिद फिर नहीं की गयी।
श्रावस्ती के इकौना ब्लॉक के बनकटा गांव के किसान महादेव यादव की बेटी गीता आज पिता के न रहने पर भी अपने खेत को खुद ही संभालती है। बीस साल की गीता ने जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और वह हर मुसीबत का सामना हिम्मत और सूझबूझ से करती आई है। वह खेती करती है, सिलाई करती है और अपने परिवारका मजबूत सहारा बनकर खड़ी है। स्मार्ट बेटियां अभियान के तहत काम कर रही इंटरनेट साथी राजकुमारी यादव ने इस वीडियो कथा को बनाकर
अमर उजाला को भेजा है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती औरबलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।