न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Tue, 30 Oct 2018 08:53 PM IST
अपना बाल विवाह रुकवा पाने में अंततः सफल साबित होने वाली रेखा को जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने पड़े हैं। आर्थिक दबाव के साथ साथ सामाजिक दबाव ने उसके पिता एकबारगी तो इतना मजबूर कर दिया था कि वे 12 साल की रेखा की शादी करने का मन बना चुके थे। अपनी बेहतरी के लिए जिद के साथ बात करती रेखा को देखकर गांव वाले कहते थे कि लड़की जुबान लड़ाती है। लेकिन इंटरनेट साथी के लिए हुई नियुक्ति के समय रेखा के पिता को जो बातें सुनने-समझने को मिलीं उसने उनका मन कायदे से बदला।
आज रेखा 23 साल की है, खुद पढ़ भी रही है और पढ़ा भी रही है। परिवार के सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या पढ़ कर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रयासरत हैं। इस सबमें माता-पिता की रजामंदी है। अपने बच्चों को इस तरह आगे बढ़ते देख कर उन्हें खुशी है।स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी रेखा ने ही अपने बारे में यह वीडियो कथा बनाई है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं। अनेक संघर्षों और सामाजिक दबावों के थपेड़ों से जूझकर आगे बढ़ने वाली रेखा
अपना बाल विवाह रुकवा पाने में अंततः सफल साबित होने वाली रेखा को जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने पड़े हैं। आर्थिक दबाव के साथ साथ सामाजिक दबाव ने उसके पिता एकबारगी तो इतना मजबूर कर दिया था कि वे 12 साल की रेखा की शादी करने का मन बना चुके थे। अपनी बेहतरी के लिए जिद के साथ बात करती रेखा को देखकर गांव वाले कहते थे कि लड़की जुबान लड़ाती है। लेकिन इंटरनेट साथी के लिए हुई नियुक्ति के समय रेखा के पिता को जो बातें सुनने-समझने को मिलीं उसने उनका मन कायदे से बदला।
आज रेखा 23 साल की है, खुद पढ़ भी रही है और पढ़ा भी रही है। परिवार के सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या पढ़ कर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रयासरत हैं। इस सबमें माता-पिता की रजामंदी है। अपने बच्चों को इस तरह आगे बढ़ते देख कर उन्हें खुशी है।स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी रेखा ने ही अपने बारे में यह वीडियो कथा बनाई है।
अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं। अनेक संघर्षों और सामाजिक दबावों के थपेड़ों से जूझकर आगे बढ़ने वाली रेखा