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Yogita Bhayana: खुद के सपनों को भूल रेप पीड़ितों को न्याय दिलाना ही बना लिया लक्ष्य, ऐसी है योगिता भयाना की कहानी

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Sun, 12 Dec 2021 01:18 PM IST
Yogita Bhayana inspiring Story Help hundreds Of Rape Victims To get Justice
योगिता भयाना - फोटो : facebook/yogitaofficial

निर्भया का नाम तो हर किसी ने सुना होगा। निर्भया एक नाम नहीं है, एक दर्द है। एक डर है और एक प्रताड़ना है, जिसे हर लड़की खुद से जोड़ कर देखती है। देश की एक बेटी निर्भया बन गई, उसके जैसी कई बेटियां आए दिन समाज की गंदगी का शिकार होती हैं और निर्भया बनती हैं। कई आपराधिक मानसिकता के लिए अगर जीवन की किसी राह पर किसी लड़की को निर्भया बनाने के प्रयास में होते हैं तो समाज में उसी निर्भया को इंसाफ दिलाने वालों की कमी नहीं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों, खासकर यौन शोषण के मामलों में शामिल होने वालों को एक नाम हमेशा याद रखना चाहिए, वह है योगिता भयाना का। योगिता भयाना वह महिला हैं, जो भले ही शोषण रोक न सके, लेकिन रेप पीड़ितों को हारने भी नहीं देतीं। वह लड़ती हैं, सबका सामना करती हैं और दोषियों को सजा दिलवाती हैं। चलिए जानते हैं निर्भया को न्याय दिलाने में खास भूमिका निभाने वाली योगिता भयाना के बारे में।



योगिता भयाना का जीवन परिचय

योगिता भयाना ने डिजास्टर मैनेजमेंट में पीजी किया है। वह जानी मानी हाॅस्पिटलिटी प्रोफेशनल रही हैं। योगिता के बारे में कहा जाता है कि वह बचपन से ही समाज सेवा से जुड़ गईं थीं। जब योगिता कक्षा 9 और 10 में थी, तभी उन्होंने लोगों की मदद करना शुरू कर दिया था। उनके घर के बाहर एक पेड़ था, जिसके नीचे बैठकर वह गरीब बच्चों को पढ़ाया करती थी। इतनी ही नहीं वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए पैसे जुटाने का काम करती थीं।


योगिता भयाना ने छोड़ी नौकरी

योगिता किंग फिशर एयरलाइंस में नौकरी करती थीं लेकिन साल 2007 में योगिता ने एयरलाइंस की नौकरी छोड़ दी और सामाजिक न्यान के लिए काम करना शुरू किया। योगिता ने रेप पीड़ितो को न्याय दिलाने का जिम्मा उठाया और परी (पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया) की स्थापना की।  योगिता रेप पीड़िताओं के अलावा घरेलू हिंसा, मैरिटल रेप, बाल यौन शोषण जैसे अपराधों के खिलाफ भी काम करने लगीं।

योगिता भयाना ने निर्भया को दिलाया न्याय

साल 2012 में योगिता ने देश के लिए दिल दहला देने वाले निर्भया कांड का नेतृत्व किया। योगिता ने साल 2014 में निर्भया वॉक का आयोजन किया। महिला और बाल यौन शोषण के पीड़ितों की योगिता हर संभव मदद करती हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों का एक समूह बनाया है, जो आपस में एक दूसरे के दर्द को बांट सकें साथ ही एक दूसरे की मुसीबत में सहारा बने।

योगिता भयाना की उपलब्धि

उन्होंने समाज सेवा में कई बड़े काम किए। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से साल 2007 में उत्थान नाम का कार्यक्रम शुरू किया। युवा एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए 2009 में यूथ के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया। योगिता की टीम ने कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया। दिल्ली बम ब्लास्ट और लद्दाख में बाढ़ के दौरान उनके बचाव कार्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी की गई। 
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