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बेबी रानी मौर्य: इस्तीफे से बढ़ाई राजनीतिक हलचल, ऐसे तय किया था मेयर से राज्यपाल तक का सफर

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Wed, 08 Sep 2021 06:35 PM IST
Uttarakhand Governor Baby Rani Maurya Profile Political Career
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य - फोटो : अमर उजाला

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य इन दिनों सुर्खियों में हैं। दरअसल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया है। यूपी की राजनीति से उत्तराखंड के राज्यपाल तक का सफर तय करने वाली बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे से सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गयी है। तरह-तरह की अटकलें लगाई रही हैं। कहा जा रहा है कि बेबी रानी मौर्य पर भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में दांव लगाने वाली है। सवाल ये है कि सियासी हलचल बढ़ाने वाली बेबीरानी मौर्य कौन हैं? उनकी उपलब्धि क्या है, जिसपर भाजपा उन पर आगामी चुनाव को लेकर भरोसा जता सके।



कौन है बेबी रानी मौर्य

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 15 अगस्त 1956 को बेबी रानी मौर्य का जन्म हुआ था। बेबी रानी मौर्य गैर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति बैंक में कार्यरत थे और ससुर एक आईपीएस अधिकारी थे। मौर्य ने बीएड और कला में परास्नातक किया है। बाद में राजनीति में आई और आगरा की मेयर बनीं।


बेबी रानी मौर्य का पारिवारिक जीवन

मौर्य के पति का नाम प्रदीप कुमार है। वो पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हैं। बेबी रानी मौर्य के ससुर एक आईपीएस अफसर थे। उनका मायका बेलनगंज में है और ससुराल करिअप्पा रोड बालूगंज में है। मौर्य के बेटे अभिनव मौर्य इंजीनियर हैं और अमेरिका में रहते हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम अंजू मौर्य है और वो भी अमेरिका में ही रहती हैं। बेबी रानी मौर्य के दामाद अजय भी पेशे से इंजीनियर हैं।

बीबीरानी मौर्य का राजनीतिक करियर

बेबी रानी मौर्य की राजनीति में एंट्री उस दौर में हुई थी, जब भाजपा इतनी ताकतवर पार्टी नहीं थी। उस दौरान साल 1995 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद बेबी रानी मौर्य पार्टी के टिकट पर आगरा की मेयर बनी थी। साल 1997 में मौर्य भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष नियुक्त हुईं। बता दें कि  उस समय रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष थे। बेबी रानी मौर्य ने एत्मादपुर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे हार गई थीं।

मौर्य के नाम और कई उपलब्धियां हैं। अटल बिहारी की सरकार में साल 2002 में बेबी रानी मौर्य राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनीं। उन्हे कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिसमें 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न, 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न और 1998 नारी रत्न सम्मान शामिल है। 26 अगस्त साल 2018 में बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड की राज्यपाल पद की शपथ ली थी।

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