Movie Review: नेलपॉलिश
कलाकार: अर्जुन रामपाल, मानव कौल, आनंद तिवारी, मधु, समरीन कौर, रजित कपूर आदि।
लेखक, निर्देशक: बग्स भार्गव कृष्णा
ओटीटी: ZEE5
रेटिंग: ***1/2
रिलीज से पहले फिल्म देखना अपने कीमती समय को दांव पर लगाना होता है। कहीं से कुछ नहीं पता होता कि फिल्म के बारे में। नया साल शुरू होने को हो और नई फिल्म देखना काम का हिस्सा हो तो मामला पिछले साल की ‘घोस्ट स्टोरीज’ जैसा न हो जाए, दिल बस यही दुआ मांगता रहता है। ओटीटी पर किसी फिल्म के शुरू होते ही ‘वयस्कों के लिए’ जैसी चेतावनी आने पर मन को मजबूत करना पड़ता है। दिल में ख्याल आता है कि शायद फिर गालियों और गैरजरूरी सेक्स दृश्यों से भरी एक फिल्म ‘झेलनी’ पड़ेगी। लेकिन, अपने हिट कमर्शियल के लिए ‘टेस्ट द थंडर’ जैसी लाइन लिखने वाले रंगमंच कलाकार और विज्ञापन फिल्में बनाने वाले बग्स भार्गव कृष्णा नए साल पर एक नई सोच वाली नई नवेली दिखती फिल्म लेकर आए हैं। उन्होंने फिल्म लिखी भी है और निर्देशित भी की है, साथ ही एक लकीर भी खींची है उन निर्माता निर्देशकों के लिए जिन्हें लगता है कि ओटीटी पर लोग सिर्फ गालियां सुनने या संभोग के दृश्य देखने आते हैं।
कलाकार: अर्जुन रामपाल, मानव कौल, आनंद तिवारी, मधु, समरीन कौर, रजित कपूर आदि।
लेखक, निर्देशक: बग्स भार्गव कृष्णा
ओटीटी: ZEE5
रेटिंग: ***1/2
रिलीज से पहले फिल्म देखना अपने कीमती समय को दांव पर लगाना होता है। कहीं से कुछ नहीं पता होता कि फिल्म के बारे में। नया साल शुरू होने को हो और नई फिल्म देखना काम का हिस्सा हो तो मामला पिछले साल की ‘घोस्ट स्टोरीज’ जैसा न हो जाए, दिल बस यही दुआ मांगता रहता है। ओटीटी पर किसी फिल्म के शुरू होते ही ‘वयस्कों के लिए’ जैसी चेतावनी आने पर मन को मजबूत करना पड़ता है। दिल में ख्याल आता है कि शायद फिर गालियों और गैरजरूरी सेक्स दृश्यों से भरी एक फिल्म ‘झेलनी’ पड़ेगी। लेकिन, अपने हिट कमर्शियल के लिए ‘टेस्ट द थंडर’ जैसी लाइन लिखने वाले रंगमंच कलाकार और विज्ञापन फिल्में बनाने वाले बग्स भार्गव कृष्णा नए साल पर एक नई सोच वाली नई नवेली दिखती फिल्म लेकर आए हैं। उन्होंने फिल्म लिखी भी है और निर्देशित भी की है, साथ ही एक लकीर भी खींची है उन निर्माता निर्देशकों के लिए जिन्हें लगता है कि ओटीटी पर लोग सिर्फ गालियां सुनने या संभोग के दृश्य देखने आते हैं।