मुंबई से बाहर भागने को बेकरार तमाम बेसहारा और संकट में फंसे लोगों के लिए सोनू सूद ने एक नई व्यवस्था शुरू की है। सोनू ने कई बस सेवाओं का इंतजाम किया है जो प्रवासियों को उनके घर वापस भेजने में मदद करेंगी। इसके लिए उन्होंने बाकायदा कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार से अनुमति भी ली है।
सोनू सूद ने सोमवार से दूसरे राज्यों के लोगों के लिए मुंबई में यात्रा और भोजन का प्रबंध करना शुरू किया है। महाराष्ट्र के ठाणे से गुलबर्गा के लिए कुल दस बसें रवाना हुई हैं। सोनू सूद ने खुद वहां पहुंचकर प्रवासियों का हाल जाना और उन्हें यहां से घर के लिए विदा किया। सोनू सैकड़ों बेघर मजदूरों को सड़क पर चलते हुए देखकर कई दिनों से परेशान थे और इस योजना की तैयारी पूरी करने में लगे हुए थे।
सोनू सूद कहते हैं, 'इस वैश्विक स्वास्थ्य आपदा में लोगों को अपने परिवारों और प्रियजनों के साथ ही होना चाहिए। मैंने महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारों से इन प्रवासियों को लगभग दस बसों में घर पहुंचने में मदद करने के लिए अनुमति ली है। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई शुरू करने में बहुत सहयोग दिया और कर्नाटक सरकार ने प्रवासियों का स्वागत किया।'
आगे सोनू कहते हैं, 'मेरे लिए छोटे बच्चों और बूढ़े माता-पिता सहित सड़कों पर घूमने वाले इन प्रवासियों को देखना बहुत ही भावुक कर देने वाला था। मैं अपनी क्षमता के अनुसार दूसरे राज्यों के लिए भी यही करूंगा।'
इसके अलावा सोनू सूद ने हाल में ही पंजाब के डॉक्टर्स को 1,500 पीपीई किट्स भी दान दिए हैं। भिवंडी के हजारों प्रवासी मज़दूरों को खाना खिलाने के लिए उनके लोग वहां भंडारा भी कर रहे हैं। सोनू ने लॉकडाउन शुरू होते ही मुंबई स्थित अपना होटल भी मेडिकल स्टाफ को रहने के लिए दे दिया था।