भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बचपन से ही आम आदमी को जीवन के संघर्ष में पिसते देख दिल पसीज गया। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी इसलिए ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करनी पढ़ी।
नौकरी में रहकर जनसेवा का भाव जागा और 2011 में आईएएस बनने की ठानी। फिर क्या था पहले ही प्रयास में भारत की सर्वोच्च सेवा की परीक्षा पास कर ली। कुछ ऐसे ही सफर से निकलकर 2012 हिमाचल काडर के आईएएस आफिसर बने हैं राकेश कुमार प्रजापति।
वर्तमान में नूरपुर में सहायक आयुक्त विकास के पद पर कार्य कर रहे राकेश कुमार प्रजापति प्रोवेशनल कार्यकाल के दौरान धर्मशाला में बेहतर प्रबंधन को लेकर भी सुर्खियों में रहे। नूरपुर में भी उन्होंने बजट न मिलने के बावजूद कुशल प्रबंधन के जरिये मात्र एक महीने में सरकारी भवन का निर्माण कार्य पूरा करवाकर ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों और नेताओं को हैरत में डाल दिया।
आईएएस राकेश कुमार प्रजापति मात्र 25 वर्ष की आयु में पहले ही प्रयास के दौरान 2012 में आईएएस बन गए। उत्तर प्रदेश के साधारण परिवार से निकले राकेश अपनी सफलता के पीछे अपनी मां का हाथ बताते हैं।
पेरिस में रिसर्च पेपर पब्लिश
राकेश कुमार प्रजापति ने 2004 से 2008 तक मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियर में डबल ग्रेजुएशन की। इसके बाद 2008 से 09 तक एक साल फ्रांस में बतौर जूनियर रिसर्च एसोसिएट नौकरी की। पैरिस में कंप्यूटर साइंस से संबंधित रिसर्च पेपर पब्लिश किया। 2009 से 2012 तक एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के पद पर नौकरी की।
युवाओं को दिए आईएएस तैयारी के टिप्स
युवाओं को आईएएस की तैयारी ग्रेजुएशन के दूसरे वर्ष से शुरू कर देनी चाहिए। तैयारी में दो से तीन वर्ष का समय काफी होता है। अपने कॉलेज में आईएएस की तैयारी के बारे में काउंसलर से परामर्श लेना चाहिए। अपने इलाके के आसपास युवा आईएएस अधिकारियों से तैयारी के टिप्स लेने चाहिए।
भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बचपन से ही आम आदमी को जीवन के संघर्ष में पिसते देख दिल पसीज गया। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी इसलिए ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करनी पढ़ी।
नौकरी में रहकर जनसेवा का भाव जागा और 2011 में आईएएस बनने की ठानी। फिर क्या था पहले ही प्रयास में भारत की सर्वोच्च सेवा की परीक्षा पास कर ली। कुछ ऐसे ही सफर से निकलकर 2012 हिमाचल काडर के आईएएस आफिसर बने हैं राकेश कुमार प्रजापति।
वर्तमान में नूरपुर में सहायक आयुक्त विकास के पद पर कार्य कर रहे राकेश कुमार प्रजापति प्रोवेशनल कार्यकाल के दौरान धर्मशाला में बेहतर प्रबंधन को लेकर भी सुर्खियों में रहे। नूरपुर में भी उन्होंने बजट न मिलने के बावजूद कुशल प्रबंधन के जरिये मात्र एक महीने में सरकारी भवन का निर्माण कार्य पूरा करवाकर ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों और नेताओं को हैरत में डाल दिया।
आईएएस राकेश कुमार प्रजापति मात्र 25 वर्ष की आयु में पहले ही प्रयास के दौरान 2012 में आईएएस बन गए। उत्तर प्रदेश के साधारण परिवार से निकले राकेश अपनी सफलता के पीछे अपनी मां का हाथ बताते हैं।
पेरिस में रिसर्च पेपर पब्लिश
राकेश कुमार प्रजापति ने 2004 से 2008 तक मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियर में डबल ग्रेजुएशन की। इसके बाद 2008 से 09 तक एक साल फ्रांस में बतौर जूनियर रिसर्च एसोसिएट नौकरी की। पैरिस में कंप्यूटर साइंस से संबंधित रिसर्च पेपर पब्लिश किया। 2009 से 2012 तक एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के पद पर नौकरी की।
युवाओं को दिए आईएएस तैयारी के टिप्स
युवाओं को आईएएस की तैयारी ग्रेजुएशन के दूसरे वर्ष से शुरू कर देनी चाहिए। तैयारी में दो से तीन वर्ष का समय काफी होता है। अपने कॉलेज में आईएएस की तैयारी के बारे में काउंसलर से परामर्श लेना चाहिए। अपने इलाके के आसपास युवा आईएएस अधिकारियों से तैयारी के टिप्स लेने चाहिए।