न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सोनू शर्मा
Updated Mon, 01 Feb 2021 03:16 PM IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पर भाषण के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक का जिक्र किया। उन्होंने भारत के गगनयान मिशन का जिक्र करते हुए बताया कि इसका मानव रहित ट्रायल इसी साल दिसंबर में किया जाएगा। दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल भारत का यह मिशन लॉन्च नहीं हो पाया था और साथ ही इसकी तैयारियों पर भी महामारी का असर पड़ा था। भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने गगनयान से पहले दो मानवरहित विमान भेजने की योजना बनाई थी, जिसमें से एक दिसंबर 2020 में ही उड़ान भरने वाला था जबकि दूसरे को जुलाई 2021 में भेजने की योजना बनाई गई थी। हालांकि यह संभव नहीं हो पाया था।
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने गगनयान और पीएसएलवी सी 51 की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण रूस में चल रहा है। दरअसल, इसरो की योजना साल 2022 में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 'गगनयान' को अंतरिक्ष में भेजने की है।
15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में इस मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर 2022 तक तीन सदस्यीय दल को पांच से सात दिन की अवधि के लिए अंतरिक्ष में भेजना है।
गगनयान के लिए इस्तेमाल होगी हरित ऊर्जा
इसरो के प्रमुख के सिवन ने हाल ही में यह जानकारी दी थी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए हरित ऊर्जा (प्रणोदक) बना रहा है। इसका इस्तेमाल रॉकेट के हर चरण में किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि देश को हरित तकनीक अपनाकर पर्यावरणीय नुकसान को सीमित करने की जरूरत बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शानदार विफलताओं की नींव पर बना है और हर विफलता के कारण हमारी प्रणाली में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पर भाषण के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक का जिक्र किया। उन्होंने भारत के गगनयान मिशन का जिक्र करते हुए बताया कि इसका मानव रहित ट्रायल इसी साल दिसंबर में किया जाएगा। दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल भारत का यह मिशन लॉन्च नहीं हो पाया था और साथ ही इसकी तैयारियों पर भी महामारी का असर पड़ा था। भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने गगनयान से पहले दो मानवरहित विमान भेजने की योजना बनाई थी, जिसमें से एक दिसंबर 2020 में ही उड़ान भरने वाला था जबकि दूसरे को जुलाई 2021 में भेजने की योजना बनाई गई थी। हालांकि यह संभव नहीं हो पाया था।
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने गगनयान और पीएसएलवी सी 51 की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण रूस में चल रहा है। दरअसल, इसरो की योजना साल 2022 में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 'गगनयान' को अंतरिक्ष में भेजने की है।
15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में इस मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर 2022 तक तीन सदस्यीय दल को पांच से सात दिन की अवधि के लिए अंतरिक्ष में भेजना है।
गगनयान के लिए इस्तेमाल होगी हरित ऊर्जा
इसरो के प्रमुख के सिवन ने हाल ही में यह जानकारी दी थी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए हरित ऊर्जा (प्रणोदक) बना रहा है। इसका इस्तेमाल रॉकेट के हर चरण में किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि देश को हरित तकनीक अपनाकर पर्यावरणीय नुकसान को सीमित करने की जरूरत बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शानदार विफलताओं की नींव पर बना है और हर विफलता के कारण हमारी प्रणाली में सुधार हुआ है।