न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 14 Jan 2021 06:21 PM IST
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भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि 83 अतिरिक्त स्वदेशी एडवांस तेजस जेट के लिए सीसीएस की मंजूरी, वायु क्षमता निर्माण के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। यह हमारे स्वदेशी उद्योग के लिए एक बड़ा बढ़ावा है। उन्होंने कहा कि यह हमारे डिजाइनरों की एक बड़ी पहचान भी है। यह भारतीय वायु सेना और देश के लिए एक बड़ा कदम है। भदौरिया ने आगे कहा कि इसके बाद एलसीए की दो स्क्वाड्रन योजना की वर्तमान ताकत अब बढ़कर छह हो जाएगी। अनिवार्य रूप से फ्रंटलाइन पर इसकी तैनाती होगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े के 83 अतिरिक्त स्वदेशी एडवांस तेजस जेट के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2029 तक सभी 83 विमानों को वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य है। इन 83 विमानों से वायुसेना की कम से कम छह स्क्वाड्रन बन जाएंगी। एक स्कॉवड्रन में 16-18 शक्तिशाली लड़ाकू विमान होते हैं। बता दें कि ये 83 मार्क वन-ए फाटइर जेट पुराने सौदे वाले मार्क वन से ज्यादा एडवांस यानी घातक और खतरनाक हैं।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने 40 तेजस जेट की खरीद को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब देश के पास कुल 123 एडवांस तेजस जेट हो जाएंगे।इन 123 जेट के अतिरिक्त भारत 170 तेजस Mark-2 की खरीद को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है, जो कि पॉवरफुल इंजन और एडवांस टेक्नोलॉजी से बना होगा।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि 83 अतिरिक्त स्वदेशी एडवांस तेजस जेट के लिए सीसीएस की मंजूरी, वायु क्षमता निर्माण के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। यह हमारे स्वदेशी उद्योग के लिए एक बड़ा बढ़ावा है। उन्होंने कहा कि यह हमारे डिजाइनरों की एक बड़ी पहचान भी है। यह भारतीय वायु सेना और देश के लिए एक बड़ा कदम है। भदौरिया ने आगे कहा कि इसके बाद एलसीए की दो स्क्वाड्रन योजना की वर्तमान ताकत अब बढ़कर छह हो जाएगी। अनिवार्य रूप से फ्रंटलाइन पर इसकी तैनाती होगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े के 83 अतिरिक्त स्वदेशी एडवांस तेजस जेट के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2029 तक सभी 83 विमानों को वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य है। इन 83 विमानों से वायुसेना की कम से कम छह स्क्वाड्रन बन जाएंगी। एक स्कॉवड्रन में 16-18 शक्तिशाली लड़ाकू विमान होते हैं। बता दें कि ये 83 मार्क वन-ए फाटइर जेट पुराने सौदे वाले मार्क वन से ज्यादा एडवांस यानी घातक और खतरनाक हैं।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने 40 तेजस जेट की खरीद को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब देश के पास कुल 123 एडवांस तेजस जेट हो जाएंगे।इन 123 जेट के अतिरिक्त भारत 170 तेजस Mark-2 की खरीद को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है, जो कि पॉवरफुल इंजन और एडवांस टेक्नोलॉजी से बना होगा।