भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) वांछित अपराधियों की एक सूची बनाती है। इसमें वो अपराधी शामिल होते हैं जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे बड़े पैमाने पर किसी वारदात या अपराध को अंजाम देते हैं। सिर्फ यही नहीं एजेंसी इन वांछितों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पकड़ना चाहती है। यह सूची जनता को भी सतर्क करती है। सबसे पहले फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने ऐसे वांछित अपराधियों की सूची बनाई थी। एनआईए की सूची में पाकिस्तान के 23 आतंकवादी शामिल हैं।
बहरहाल, एनआईए की सूची में कुछ ऐसे भगोड़े अपराधी शामिल होते हैं जिनके सिर पर इनाम रखा जाता है। यह इनाम इनके बारे में जानकारी देने वाले मुखबिरों या पकड़वाने वाले लोगों को मिलता है। जांच एजेंसी ने ऐसे कुछ अपराधियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का इनाम रखा है। आइए जानते हैं कि किस श्रेणी (इनाम के अनुसार) में कितने अपराधी हैं।
दस से नौ से लाख
दस से नौ लाख इनाम वाली श्रेणी में चार अपराधी हैं। इनके नाम- संदीप वी डांगे, एसएस लेफ्टिनेंट जनरल निक्की सुमी, जुनैद अकरम मलिक और अबु बिलाल हैं।
- संदीप वी डांगे उर्फ वासुदेव, उर्फ परमानंद उर्फ अश्विनी टीचर है। ये भगोड़ा मालेगांव बम धमाके का आरोपी है।
- भगोड़ा एसएस लेफ्टिनेंट जनरल निक्की सुमी उर्फ निक्किट सेमा पर भारतीय सेना की मणिपुर की 6 डोगरा रेजिमेंट के काफिले पर घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी और विस्फोटकों का उपयोग करने का आरोप है। इसमें 18 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- भगोड़े जुनैद अकरम मलिक पर 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच पर विस्फोट करने का आरोप है। इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
- अबु बिलाल उर्फ गुलाम सरवर उर्फ फिरदौस उर्फ राजू पर भी दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच पर विस्फोट करने का आरोप है। इसे भगोड़ा घोषित किया गया है।
आठ से सात लाख इनाम वाली श्रेणी में दो अपराधी हैं। इनके नाम- थिप्पीरी तिरुपति और स्टारसन लामकांग हैं।
- थिप्पीरी तिरुपति उर्फ देवूजी उर्फ देवोजी उर्फ संजीव उर्फ चेतन उर्फ शेशु उर्फ जगन उर्फ देवन्ना पर सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है। भगोड़ा अपराधी प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओस्ट) का सदस्य है। अपनी साजिश के लिए उसने भारत के विभिन्न हिस्सों से विस्फोटक पदार्थ, प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद और भारी मात्रा में धन एकत्रित किया।
- भगोड़े स्टारसन लामकांग पर भारतीय सेना की मणिपुर की 6 डोगरा रेजिमेंट के काफिले पर घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी और विस्फोटकों का उपयोग करने का आरोप है। इसमें 18 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
छह से पांच लाख इनाम वाली श्रेणी में छह अपराधी हैं। इनके नाम- रमेश, क्षत्रिमयूम नोयोन सिंह, नमोइजम ओकेंद्र सिंह, जैलाल मंडावी, भगत हेमला और गोपाल सिंह हैं।
चार से पांच लाख की श्रेणी
चार से पांच लाख इनाम वाली श्रेणी में 10 अपराधी हैं। इनके नाम- रमेश, बिशनू गोयारी, थोडम सोमोरेंद्र सिंह, क्षत्रिमयूम नोयोन सिंह, नमोइजम ओकेंद्र सिंह, थोडम थोइबा, एस मंगल, जैलाल मंडावी, भगत हेमला और गोपाल सिंह हैं।
तीन से चार लाख की श्रेणी
तीन से चार लाख इनाम वाली श्रेणी में आठ अपराधी हैं। इनके नाम- अशक अहमद नेंगरू, एसएस ब्रिग अकाहो, बिशनू गोयारी, इसाक सुमी, थोडम सोमेंद्र सिंह, थोडम थोइबा, एस मंगल और अक्रमानजी हैं।
तीन से दो लाख इनाम वाली श्रेणी में 29 अपराधी हैं। इनके नाम- पुकरमबम समानंद सिंह, क्षत्रिमयूम ब्रोजन, खुरैजम मैपक, कुगैतो अचुमी एसएस, खुतोहो, मयंगलंबम सिरोमणि, खोइजम इबोचौबा, थोकचोम निंगथेबा, वासिक, महेश, सुंदरी, अशकाक अहमद नेंगरू, एसएस ब्रिग अकाहो, सोंगबिजीत इंगती कथार, बिनोद मुशाहरे, इसाक सुमी, थोकचोम गांधी, अंगोम सनाटोंबा, लैशराम सिमोन, नमेराकपम ननाओ, रघु, नोंगमैथम प्रेमानंद, लैशराम जिनेह और मोईरंगथेम उत्तम हैं।
दो से एक लाख की श्रेणी
दो से एक लाख इनाम वाली श्रेणी में 31 अपराधी हैं। इनके नाम- वासिक, सवाद, महेश, सुंदरी, सोंगबिजीत कथारी, बिनोद मुशाहरे, थोकचोम गांधी, अंगोम सनातोंबा, लैशराम सिमोन, नमेराकपम ननाओ, रघु, नोंगमैथम प्रेमानंद, लैशराम जिनेह, मोईरंगथेम उत्तम, पुकराबम समानंद सिंह, क्षत्रिमयूम ब्रोजन, खुरैजम मैपक, कुगैतो अचुमी एसएस, खुतोहो, मयंगलंबम सिरोमनी, कोईजम इबोचौबा, थोकचोम निंगथेंबा, मंगली कोसा, आती, कोरसा सन्नी, लच्छी मोदियम, सोमी पोट्टम, कोरसा लखू, सरिता काकेम, कुम्मा गोंडे और सबीर खान पठान हैं।
एक लाख की श्रेणी
एक लाख इनाम वाली श्रेणी में 18 अपराधी हैं। इनके नाम- सवाद, जलुमुरी श्रीनू बाबू, शौकत, जयप्रकाश, रूद्र पाटिल, सारंग अकोलकर, शरीफुल इस्लाम, जहीरुद्दीन, नूर मोहम्मद, मंगली कोसा, मद्दा मदकमी, आती, कोरसा सन्नी, लच्छी मोदियम, सोमी पोट्टम, कोरसा लखु, सरिटा काकेम और कुम्मा गोंडे हैं।
एनआईए की सूची में पाकिस्तान के 23 अपराधी शामिल हैं। इनके नाम- वाली, अमीर जुबैर सिद्दिकी, जावेद, मुफ्ती अजगर, मौलाना अब्दुल रउफ, कारी जरार, अबु तल्हा, अब्दुल्ला, राशिद अब्दुल्ला, सैयद मोहम्मद शफी, मेजर इकबाल, इलियास कश्मीरी, सैयद अब्दुर रेहमान हाशिम, मेजर समीर अली, साजिद माजिद, हाफिज मोहम्मद सईद, शोएब नूर, अमीर नूर, अबु बिलाल, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद इस्माइल, मसूद अजहर और मुफ्ती रउफ असगर हैं।
एनआईए की सूची में शामिल वांछित अपराधियों में मसूद अजहर, जाकिर नाईक, डेविड कोलमैन हेडली से लेकर सलाहूद्दीन तक के नाम शामिल हैं।
- मसूद अजहर- मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है। भारत ने उसकी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की वजह से उसे वांछित अपराधियों की सूची में रखा हुआ है। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में काफी सक्रिय है। घाटी में होने वाले ज्यादातर हमलों में उसके संगठन का हाथ होता है। एक मई, 2019 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
- डॉक्टर जाकिर अब्दुल करीम नाईक- नाईक एक इस्लामिक प्रचारक है। उसपर आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने का आरोप है। उस पर घृणित भाषण देने, सामुदायिक वैमनस्य पैदा करने और मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। 2016 में वो भारत छोड़कर भाग गया था। वर्तमान में उसके उपदेश भारत, बांग्लादेश, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और मलेशिया में आतंकवाद-रोधी या नफरत विरोधी कानूनों के तहत प्रतिबंधित हैं।
- डेविड कोलमैन हेडली- डेविड पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी आतंकवादी है। उसने 2008 में मुंबई हमले के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए जासूसी की थी। वर्तमान में वो अमेरिका की जेल में सजा काट रहा है। मुंबई हमले में लगभग 164 लोग मारे गए थे। 2008 में ही उसने कोपेनहेगन में डेनमार्क के अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी, क्योंकि उसने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित किया था।
- सैयद सलाहूद्दीन - सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह जिसे आमतौर सैयद सलाहूद्दीन के तौर पर भी जाना जाता है। यह कश्मीर में सक्रिय हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है। 26 जून 2017 को अमेरिकी विदेश विभाग ने सलाहूद्दीन को वैश्विक आतंकवादी के तौर पर नामित किया था।
- हाफिज सईद- हाफिज मोहम्मद सईद एक पाकिस्तानी आतंकवादी और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। इसके अलावा वो आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सरगना भी है। अमेरिकी सरकार ने उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम रखा है। मुंबई हमले में उसकी मुख्य भूमिका है। इस हमले में 164 नागरिक मारे गए थे।
भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) वांछित अपराधियों की एक सूची बनाती है। इसमें वो अपराधी शामिल होते हैं जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे बड़े पैमाने पर किसी वारदात या अपराध को अंजाम देते हैं। सिर्फ यही नहीं एजेंसी इन वांछितों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पकड़ना चाहती है। यह सूची जनता को भी सतर्क करती है। सबसे पहले फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने ऐसे वांछित अपराधियों की सूची बनाई थी। एनआईए की सूची में पाकिस्तान के 23 आतंकवादी शामिल हैं।
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भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) वांछित अपराधियों की एक सूची बनाती है। इसमें वो अपराधी शामिल होते हैं जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे बड़े पैमाने पर किसी वारदात या अपराध को अंजाम देते हैं। सिर्फ यही नहीं एजेंसी इन वांछितों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पकड़ना चाहती है। यह सूची जनता को भी सतर्क करती है। सबसे पहले फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने ऐसे वांछित अपराधियों की सूची बनाई थी। एनआईए की सूची में पाकिस्तान के 23 आतंकवादी शामिल हैं।
बहरहाल, एनआईए की सूची में कुछ ऐसे भगोड़े अपराधी शामिल होते हैं जिनके सिर पर इनाम रखा जाता है। यह इनाम इनके बारे में जानकारी देने वाले मुखबिरों या पकड़वाने वाले लोगों को मिलता है। जांच एजेंसी ने ऐसे कुछ अपराधियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का इनाम रखा है। आइए जानते हैं कि किस श्रेणी (इनाम के अनुसार) में कितने अपराधी हैं।
दस से नौ से लाख
दस से नौ लाख इनाम वाली श्रेणी में चार अपराधी हैं। इनके नाम- संदीप वी डांगे, एसएस लेफ्टिनेंट जनरल निक्की सुमी, जुनैद अकरम मलिक और अबु बिलाल हैं।
- संदीप वी डांगे उर्फ वासुदेव, उर्फ परमानंद उर्फ अश्विनी टीचर है। ये भगोड़ा मालेगांव बम धमाके का आरोपी है।
- भगोड़ा एसएस लेफ्टिनेंट जनरल निक्की सुमी उर्फ निक्किट सेमा पर भारतीय सेना की मणिपुर की 6 डोगरा रेजिमेंट के काफिले पर घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी और विस्फोटकों का उपयोग करने का आरोप है। इसमें 18 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- भगोड़े जुनैद अकरम मलिक पर 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच पर विस्फोट करने का आरोप है। इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
- अबु बिलाल उर्फ गुलाम सरवर उर्फ फिरदौस उर्फ राजू पर भी दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच पर विस्फोट करने का आरोप है। इसे भगोड़ा घोषित किया गया है।