न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 19 Jun 2020 01:00 PM IST
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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कथित रूप से भड़काने वाले भाषण देने की वजह से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की याचिका पर सभी पांच राज्यों के जवाब देखे बगैर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता।
शरजील इमाम ने याचिका में इस तरह के आरोपों में दर्ज सभी प्राथमिकी मिलाकर एक करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि शरजील की याचिका पर अभी तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश ने जवाब दाखिल कर दिया है जबकि असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश ने कोई जवाब नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा, ‘हम अन्य राज्यों के जवाब देखे बगैर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर सकते।’
असम के वकील ने कहा कि उसे जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए। पीठ ने कहा, हम समय देंगे। इसके साथ ही पीठ ने असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया। पीठ ने कहा कि इन राज्यों का जवाब आने के बाद एक सप्ताह के भीतर इनका प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कथित रूप से भड़काने वाले भाषण देने की वजह से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की याचिका पर सभी पांच राज्यों के जवाब देखे बगैर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता।
शरजील इमाम ने याचिका में इस तरह के आरोपों में दर्ज सभी प्राथमिकी मिलाकर एक करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि शरजील की याचिका पर अभी तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश ने जवाब दाखिल कर दिया है जबकि असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश ने कोई जवाब नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा, ‘हम अन्य राज्यों के जवाब देखे बगैर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर सकते।’
असम के वकील ने कहा कि उसे जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए। पीठ ने कहा, हम समय देंगे। इसके साथ ही पीठ ने असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया। पीठ ने कहा कि इन राज्यों का जवाब आने के बाद एक सप्ताह के भीतर इनका प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए।