प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। आज से कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने टीका लगवाकर लोगों को एक खास संदेश दिया है। देश में वैक्सीन को लेकर कई बयानबाजी हुई, यहां तक कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगवाने की चुनौती तक दे दी थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कोवैक्सीन की खुराक ली है। यह वही वैक्सीन है, जिस पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे। इस वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान ही इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी, जिस पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया था और वैक्सीन की गंभीरता पर सवाल खड़े किए थे। विपक्ष का कहना था कि कोवैक्सीन को फेज-3 के ट्रायल के बिना ही आपात मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इसका टीका लगवाने को कहा था जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर भ्रम दूर हों। इसके अलावा जब मांग उठी थी कि सांसदों-विधायकों को पहले टीका लगाया जाए तो प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा था कि कोई कतार न तोड़े। वहीं आज बारी आने पर उन्होंने सबसे पहले टीका लगवाया, वो भी भारत बायोटेक का जिसकी विश्वसनीयता पर खड़े संकट को उन्होंने दूर करने का प्रयास किया है।
कांग्रेस ने वैक्सीन पर उठाए सवाल
इतना ही नहीं, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को लेकर भी विवाद हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भारत बायोटेक की वैक्सीन की खुराक लेकर ही विपक्ष को जवाब दिया है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से कई बार बयान में कहा गया था कि देश में वैक्सीन के प्रति विश्वास जगाने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगवानी चाहिए।
अखिलेश ने वैक्सीन को बताया भाजपा का टीका
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष वैक्सीन लगवा रहे हैं, क्या प्रधानमंत्री मोदी कोरोना का टीका लेंगे? वहीं अखिलेश यादव ने यह तक कह दिया था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की वैक्सीन पर विश्वास नहीं, जब उनकी सरकार आएगी तो वो सभी को मुफ्त में वैक्सीन लगवाएंगे।
प्रियंका चतुर्वेदी ने की तारीफ
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना टीका लगाने की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह सुनकर अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोवैक्सीन लगवाई है। इससे वैक्सीन को लेकर फैले संदेह को दूर करने में मदद मिलेगी और जिन लोगों में इसे लेकर हिचकिचाहट है अब वो उनके दिमाग से निकल जाएगी। अधिक लोगों का टीकाकरण करने का महत्वपूर्ण चरण आज से शुरू हुआ है। मैं भारत के सुरक्षित रहने के लिए प्रार्थना करती हूं।'
सुबह-सुबह एम्स पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को सुबह-सुबह एम्स अस्पताल पहुंचे अस्पताल जाने के लिए उन्होंने कोई तय रूट फॉलो नहीं किया जिससे लोगों को उनके काफिले के कारण किसी तरह की परेशानी न हो। उन्हें पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने कोरोना का टीका लगवाया। इस दौरान प्रधानमंत्री के पीछे केरल की नर्स खड़ी थी। उन्होंने गले में असम का गमछा डाला हुआ था तो उनकी वेशभूषा पश्चिम बंगाल की थी।
लगा भी दी, पता ही नहीं चला- नर्स से बोले पीएम
वहीं प्रधानमंत्री को टीका लगाने वाली नर्स का कहना है कि उन्हें 28 दिनों बाद अगली डोज दी जाएगी। प्रधानमंत्री को टीका लगाने वाली नर्स पी निवेदा ने कहा, 'सर (प्रधानमंत्री मोदी) को भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। दूसरी खुराक 28 दिनों में दी जाएगी। उन्होंने टीकाकरण के बाद हमसे पूछा कि हम कहां के हैं। उन्होंने कहा, 'लगा भी दी, पता ही नहीं चला।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। आज से कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने टीका लगवाकर लोगों को एक खास संदेश दिया है। देश में वैक्सीन को लेकर कई बयानबाजी हुई, यहां तक कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगवाने की चुनौती तक दे दी थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कोवैक्सीन की खुराक ली है। यह वही वैक्सीन है, जिस पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे। इस वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान ही इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी, जिस पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया था और वैक्सीन की गंभीरता पर सवाल खड़े किए थे। विपक्ष का कहना था कि कोवैक्सीन को फेज-3 के ट्रायल के बिना ही आपात मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इसका टीका लगवाने को कहा था जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर भ्रम दूर हों। इसके अलावा जब मांग उठी थी कि सांसदों-विधायकों को पहले टीका लगाया जाए तो प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा था कि कोई कतार न तोड़े। वहीं आज बारी आने पर उन्होंने सबसे पहले टीका लगवाया, वो भी भारत बायोटेक का जिसकी विश्वसनीयता पर खड़े संकट को उन्होंने दूर करने का प्रयास किया है।
कांग्रेस ने वैक्सीन पर उठाए सवाल
इतना ही नहीं, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को लेकर भी विवाद हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भारत बायोटेक की वैक्सीन की खुराक लेकर ही विपक्ष को जवाब दिया है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से कई बार बयान में कहा गया था कि देश में वैक्सीन के प्रति विश्वास जगाने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगवानी चाहिए।
अखिलेश ने वैक्सीन को बताया भाजपा का टीका
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष वैक्सीन लगवा रहे हैं, क्या प्रधानमंत्री मोदी कोरोना का टीका लेंगे? वहीं अखिलेश यादव ने यह तक कह दिया था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की वैक्सीन पर विश्वास नहीं, जब उनकी सरकार आएगी तो वो सभी को मुफ्त में वैक्सीन लगवाएंगे।
प्रियंका चतुर्वेदी ने की तारीफ
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना टीका लगाने की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह सुनकर अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोवैक्सीन लगवाई है। इससे वैक्सीन को लेकर फैले संदेह को दूर करने में मदद मिलेगी और जिन लोगों में इसे लेकर हिचकिचाहट है अब वो उनके दिमाग से निकल जाएगी। अधिक लोगों का टीकाकरण करने का महत्वपूर्ण चरण आज से शुरू हुआ है। मैं भारत के सुरक्षित रहने के लिए प्रार्थना करती हूं।'
सुबह-सुबह एम्स पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को सुबह-सुबह एम्स अस्पताल पहुंचे अस्पताल जाने के लिए उन्होंने कोई तय रूट फॉलो नहीं किया जिससे लोगों को उनके काफिले के कारण किसी तरह की परेशानी न हो। उन्हें पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने कोरोना का टीका लगवाया। इस दौरान प्रधानमंत्री के पीछे केरल की नर्स खड़ी थी। उन्होंने गले में असम का गमछा डाला हुआ था तो उनकी वेशभूषा पश्चिम बंगाल की थी।
लगा भी दी, पता ही नहीं चला- नर्स से बोले पीएम
वहीं प्रधानमंत्री को टीका लगाने वाली नर्स का कहना है कि उन्हें 28 दिनों बाद अगली डोज दी जाएगी। प्रधानमंत्री को टीका लगाने वाली नर्स पी निवेदा ने कहा, 'सर (प्रधानमंत्री मोदी) को भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। दूसरी खुराक 28 दिनों में दी जाएगी। उन्होंने टीकाकरण के बाद हमसे पूछा कि हम कहां के हैं। उन्होंने कहा, 'लगा भी दी, पता ही नहीं चला।'