कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद पूरा देश थम गया। मगर बीते कुछ दिनों में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं, उसे लेकर सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुलेगा या नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को इस सवाल का जवाब संकेत में दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से बात कर कहा कि वे उन इलाकों में विभागों को खोलने की श्रेणीबद्ध योजना तैयार करें जहां कोरोना महामारी का असर नहीं है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने मंत्रियों से एक सूची बनाने को कहा जिसमें लॉकडाउन खत्म होने के बाद के 10 प्रमुख फैसलों और 10 प्रमुख क्षेत्रों की जानकारी हो, जिन पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मंत्रियों के नेतृत्व और सक्रियता की सराहना की और कहा कि उनके द्वारा लगातार उपलब्ध कराया गया फीडबैक कोरोना से निपटने की रणनीति बनाने में प्रभावी साबित हुआ है।
जहां प्रकोप कम, वहां से हट सकता है लॉकडाउन
प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीनी हालात जानने के लिए यह जरूरी है कि नेता राज्य और जिला प्रशासन से लगातार संवाद करें, खास कर उन जिलों में जहां कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। साथ ही उन्हें भविष्य में आ सकने वाली दिक्कतों का हल उपलब्ध कराएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को कामकाज जारी रखने की योजना बनानी चाहिए। उन इलाकों में विभागों को खोलने की श्रेणीबद्ध योजना बनाई जानी चाहिए जहां पर कोरोना का प्रकोप नहीं है।
किसानों का ख्याल रखना ज्यादा जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती के समय में सरकार किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि एक बार लॉकडाउन समाप्त हो जाने के बाद आकस्मिक परिस्थितियों के लिए रणनीतिक होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसानों का कल्याण अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार किसानों को फसल कटाई के सीजन में हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।' प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से ग्रामीण क्षेत्रों एवं जमीनी संस्थानों में आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा ताकि महामारी के बारे में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाई जा सके।
राशन की दुकान पर भीड़ न हो
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि पीडीएस केंद्रों पर भीड़ न हो, प्रभावकारी निगरानी बनी रहे, शिकायतों पर ठोस कार्रवाई हो और आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी एवं उनकी कीमतों में वृद्धि को रोका जा सके। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभ निर्बाध रूप से लाभार्थियों तक पहुंचती रहनी चाहिए।
केंद्र सरकार के एक दर्जन से अधिक सचिवों ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश भर में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन से जुड़े रणनीतिक मुद्दों पर सोमवार को चर्चा की। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बैठक की अध्यक्षता की।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने बंद से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बंद हटने के बाद आगे के कदमों के बारे में भी चर्चा की। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव का मूल्यांकन और मांग पर भी चर्चा की गई।
बैठक में भाग लेने वालों में नागरिक उड्डयन, श्रम और रोजगार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं। फार्मा, कृषि, उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने, उपभोक्ता मामलों, आर्थिक मामलों, उच्च शिक्षा विभागों के सचिवों के अलावा रेलवे बोर्ड और नीति आयोग के प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया।
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कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद पूरा देश थम गया। मगर बीते कुछ दिनों में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं, उसे लेकर सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुलेगा या नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को इस सवाल का जवाब संकेत में दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से बात कर कहा कि वे उन इलाकों में विभागों को खोलने की श्रेणीबद्ध योजना तैयार करें जहां कोरोना महामारी का असर नहीं है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने मंत्रियों से एक सूची बनाने को कहा जिसमें लॉकडाउन खत्म होने के बाद के 10 प्रमुख फैसलों और 10 प्रमुख क्षेत्रों की जानकारी हो, जिन पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मंत्रियों के नेतृत्व और सक्रियता की सराहना की और कहा कि उनके द्वारा लगातार उपलब्ध कराया गया फीडबैक कोरोना से निपटने की रणनीति बनाने में प्रभावी साबित हुआ है।
जहां प्रकोप कम, वहां से हट सकता है लॉकडाउन
प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीनी हालात जानने के लिए यह जरूरी है कि नेता राज्य और जिला प्रशासन से लगातार संवाद करें, खास कर उन जिलों में जहां कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। साथ ही उन्हें भविष्य में आ सकने वाली दिक्कतों का हल उपलब्ध कराएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को कामकाज जारी रखने की योजना बनानी चाहिए। उन इलाकों में विभागों को खोलने की श्रेणीबद्ध योजना बनाई जानी चाहिए जहां पर कोरोना का प्रकोप नहीं है।
किसानों का ख्याल रखना ज्यादा जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती के समय में सरकार किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि एक बार लॉकडाउन समाप्त हो जाने के बाद आकस्मिक परिस्थितियों के लिए रणनीतिक होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसानों का कल्याण अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार किसानों को फसल कटाई के सीजन में हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।' प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से ग्रामीण क्षेत्रों एवं जमीनी संस्थानों में आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा ताकि महामारी के बारे में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाई जा सके।
राशन की दुकान पर भीड़ न हो
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि पीडीएस केंद्रों पर भीड़ न हो, प्रभावकारी निगरानी बनी रहे, शिकायतों पर ठोस कार्रवाई हो और आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी एवं उनकी कीमतों में वृद्धि को रोका जा सके। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभ निर्बाध रूप से लाभार्थियों तक पहुंचती रहनी चाहिए।