न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कटक
Updated Thu, 19 Sep 2019 01:42 PM IST
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ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व मानद सचिव, आशीर्वाद बेहरा को गुरुवार को पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में कटक से गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व मानद सचिव आशीर्वाद बेहरा को गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी अर्थ तत्व (एटी) समूह से जुड़े एक पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में है।
एजेंसी ने बेहरा को इस मामले में एक विशेष अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 27 अगस्त को एक आरोप पत्र दायर किया था, जिससे बेहरा को मामले में आरोपी बनाया गया था।
एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि एसोसिएशन, तत्कालीन मानद सचिव बेहरा के माध्यम से, अर्थ तत्वा समूह के साथ एक आपराधिक साजिश में काम करती थी और इसे प्रचारित किया जाता था और जनता की नज़र में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाया जाता था।
यह अर्थ तत्वा समूह द्वारा विभिन्न पोंजी योजनाओं में अधिक निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है। यह आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने ओडिशा रणजी क्रिकेट टीम के प्रायोजन और ओडिशा प्रीमियर लीग, 2011 के शीर्षक प्रायोजन की आड़ में कंपनियों से लगभग एक करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की।
ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व मानद सचिव, आशीर्वाद बेहरा को गुरुवार को पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में कटक से गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व मानद सचिव आशीर्वाद बेहरा को गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी अर्थ तत्व (एटी) समूह से जुड़े एक पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में है।
एजेंसी ने बेहरा को इस मामले में एक विशेष अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 27 अगस्त को एक आरोप पत्र दायर किया था, जिससे बेहरा को मामले में आरोपी बनाया गया था।
एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि एसोसिएशन, तत्कालीन मानद सचिव बेहरा के माध्यम से, अर्थ तत्वा समूह के साथ एक आपराधिक साजिश में काम करती थी और इसे प्रचारित किया जाता था और जनता की नज़र में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाया जाता था।
यह अर्थ तत्वा समूह द्वारा विभिन्न पोंजी योजनाओं में अधिक निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है। यह आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने ओडिशा रणजी क्रिकेट टीम के प्रायोजन और ओडिशा प्रीमियर लीग, 2011 के शीर्षक प्रायोजन की आड़ में कंपनियों से लगभग एक करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की।