भारत का किसी पड़ोसी देश के लिए अच्छा कदम कभी पाकिस्तान को रास नहीं आता, वह उसमें अपना अड़ंगा जरूर लगाने की कोशिश करता है। अब भारत अफगानिस्तान को सहायता के तौर पर कुछ सामग्री भेज रहा है तो पाकिस्तान रास्ता नहीं दे रहा है। इसको लेकर उसने कई शर्ते रख दी।
इस मामले के जानकार ने बताया कि भारत अफगानिस्तान को पाकिस्तान के रास्ते भारतीय गेहूं और दवाओं को पहुंचाना चाहता है। लेकिन पाकिस्तान ने परिवहन के तौर-तरीकों को अभी तक पूरा नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान चाहता है कि 50,000 टन गेहूं और दवाओं की खेप वाघा सीमा बिंदु से पाकिस्तानी ट्रकों से पहुंचाई जाए। जबकि भारत ने कहा कि वह स्वयं के परिवहन से सहायता सामग्री पहुंएगा।
भारत चाहता है कि सहायता अफगान लोगों तक बिना किसी शर्त के पहुंचे। यह पता चला है कि राहत सामग्री का परिवहन उन कई मुद्दों में से एक है जिसे दोनों पक्ष समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं अब इस बात के संकेत मिले हैं कि भारत अफगानिस्तान में सामग्री वितरण के लिए वाघा सीमा पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी से बात कर सकता है और पाकिस्तान पर दबाव डाल सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार भारत से अफगानिस्तान में 50,000 टन गेहूं के परिवहन की अनुमति देगी।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमें अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए सात अक्टूबर को किए गए हमारे प्रस्ताव पर पाकिस्तान सरकार से प्रतिक्रिया मिली। इसमें जीवन रक्षक दवाएं भी हैं जिन्हें हम भेजना चाहते थे।
विस्तार
भारत का किसी पड़ोसी देश के लिए अच्छा कदम कभी पाकिस्तान को रास नहीं आता, वह उसमें अपना अड़ंगा जरूर लगाने की कोशिश करता है। अब भारत अफगानिस्तान को सहायता के तौर पर कुछ सामग्री भेज रहा है तो पाकिस्तान रास्ता नहीं दे रहा है। इसको लेकर उसने कई शर्ते रख दी।
इस मामले के जानकार ने बताया कि भारत अफगानिस्तान को पाकिस्तान के रास्ते भारतीय गेहूं और दवाओं को पहुंचाना चाहता है। लेकिन पाकिस्तान ने परिवहन के तौर-तरीकों को अभी तक पूरा नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान चाहता है कि 50,000 टन गेहूं और दवाओं की खेप वाघा सीमा बिंदु से पाकिस्तानी ट्रकों से पहुंचाई जाए। जबकि भारत ने कहा कि वह स्वयं के परिवहन से सहायता सामग्री पहुंएगा।
भारत चाहता है कि सहायता अफगान लोगों तक बिना किसी शर्त के पहुंचे। यह पता चला है कि राहत सामग्री का परिवहन उन कई मुद्दों में से एक है जिसे दोनों पक्ष समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं अब इस बात के संकेत मिले हैं कि भारत अफगानिस्तान में सामग्री वितरण के लिए वाघा सीमा पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी से बात कर सकता है और पाकिस्तान पर दबाव डाल सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार भारत से अफगानिस्तान में 50,000 टन गेहूं के परिवहन की अनुमति देगी।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमें अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए सात अक्टूबर को किए गए हमारे प्रस्ताव पर पाकिस्तान सरकार से प्रतिक्रिया मिली। इसमें जीवन रक्षक दवाएं भी हैं जिन्हें हम भेजना चाहते थे।