न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 07 Oct 2019 02:15 AM IST
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एक महीने से भी ज्यादा देरी तक सक्रिय रहने वाले मानसून ने अब आखिरकार विदाई लेने की तैयारी कर ली है। बेमौसम बारिश से सात अक्तूबर से राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक 10 अक्तूबर से मानसून लौटना शुरू हो जाएगा।
स्काईमेट वेदर के मौसम विभाग के उपाध्यक्ष महेश पालावत के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत में सात अक्तूबर से बारिश का सिलसिला थमने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून के जाने में सबसे ज्यादा देरी दर्ज की है। इस साल देशभर में मानसून सामान्य से अच्छा रहा है। मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत एलपीए में 110 फीसदी बारिश दर्ज की है। 1961 से 2010 तक एलपीए महज 88 प्रतिशत ही रहा है।
मौसम विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि छह अक्तूबर को राजस्थान में समुद्र तल से डेढ़ किलोमीटर उपर उठे एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन से दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस जाने की स्थिति बन गई है। 10 अक्तूबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी। आमतौर पर मानसून एक सितंबर के बाद राजस्थान के रास्ते वापस जाना शुरू हो जाता है।
एक महीने से भी ज्यादा देरी तक सक्रिय रहने वाले मानसून ने अब आखिरकार विदाई लेने की तैयारी कर ली है। बेमौसम बारिश से सात अक्तूबर से राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक 10 अक्तूबर से मानसून लौटना शुरू हो जाएगा।
स्काईमेट वेदर के मौसम विभाग के उपाध्यक्ष महेश पालावत के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत में सात अक्तूबर से बारिश का सिलसिला थमने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून के जाने में सबसे ज्यादा देरी दर्ज की है। इस साल देशभर में मानसून सामान्य से अच्छा रहा है। मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत एलपीए में 110 फीसदी बारिश दर्ज की है। 1961 से 2010 तक एलपीए महज 88 प्रतिशत ही रहा है।
मौसम विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि छह अक्तूबर को राजस्थान में समुद्र तल से डेढ़ किलोमीटर उपर उठे एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन से दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस जाने की स्थिति बन गई है। 10 अक्तूबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी। आमतौर पर मानसून एक सितंबर के बाद राजस्थान के रास्ते वापस जाना शुरू हो जाता है।