न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
Updated Wed, 03 Oct 2018 11:29 AM IST
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केरल में कुछ दिनों पहले सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई थी, जिसने सबकुछ तबाह कर दिया था। इस त्रासदी में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 लाख से भी ज्यादा लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस दौरान कई राज्यों, कई संस्थाओं और हजारों लोगों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिल खोलकर दान किए थे। इनमें कुछ लोग ऐसे भी थे, जो अपनी जान की परवाह किए बिना बाढ़ पीड़ितों को बचाने में लगे हुए थे।
ऐसे ही एक शख्स थे पुंथुरा निवासी जिनेश जेरोन, जिन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर बाढ़ से प्रभावित 100 से भी ज्यादा लोगों की जान बचाई थी। लेकिन जब जिनेश जेरोन की जान खतरे में पड़ी तो उन्हें कोई भी बचाने नहीं आया।
दरअसल, रविवार को जिनेश जेरोन को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए। इस दौरान दर्द से कराहते हुए उन्होंने लोगों से मदद मांगी, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई भी शख्स नहीं आया। आखिरकार जिनेश की हिम्मत ने उनका साथ छोड़ दिया और उनकी मौत हो गई।
एंबुलेंस को भी आने में हुई देरी
हादसे के बाद एंबुलेंस को भी आने में आधा घंटा लग गया। बताया जा रहा है कि अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो जिनेश की जान बच सकती थी।
दोस्तों संग 100 से भी ज्यादा लोगों को बचाया था
जिनेश पेशे से एक मछुआरा थे। उनकी मां ने बताया कि जब राज्य पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में था, तब चेंगन्नूर के एक चर्च ने बचाव कार्य में मदद के लिए मछुआरों की एक बैठक बुलाई। इस दौरान बैठक में ये तय हुआ कि अगले दिन सभी लोगों को एक टीम बनाकर अलग-अलग जगहों पर निकलना है। लेकिन उससे पहले ही जिनेश और उनके 6 दोस्त बचाव कार्य के लिए नाव लेकर निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने 100 से भी ज्यादा बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाया और उन्हें न जिंदगी दी।
जिनेश की इंसानियत और बहादुरी के किस्से उस समय कई अखबारों में छपे थे और कई न्यूज चैनलों में भी दिखाए गए थे।
केरल में कुछ दिनों पहले सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई थी, जिसने सबकुछ तबाह कर दिया था। इस त्रासदी में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 लाख से भी ज्यादा लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस दौरान कई राज्यों, कई संस्थाओं और हजारों लोगों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिल खोलकर दान किए थे। इनमें कुछ लोग ऐसे भी थे, जो अपनी जान की परवाह किए बिना बाढ़ पीड़ितों को बचाने में लगे हुए थे।
ऐसे ही एक शख्स थे पुंथुरा निवासी जिनेश जेरोन, जिन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर बाढ़ से प्रभावित 100 से भी ज्यादा लोगों की जान बचाई थी। लेकिन जब जिनेश जेरोन की जान खतरे में पड़ी तो उन्हें कोई भी बचाने नहीं आया।
दरअसल, रविवार को जिनेश जेरोन को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए। इस दौरान दर्द से कराहते हुए उन्होंने लोगों से मदद मांगी, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई भी शख्स नहीं आया। आखिरकार जिनेश की हिम्मत ने उनका साथ छोड़ दिया और उनकी मौत हो गई।
एंबुलेंस को भी आने में हुई देरी
हादसे के बाद एंबुलेंस को भी आने में आधा घंटा लग गया। बताया जा रहा है कि अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो जिनेश की जान बच सकती थी।
दोस्तों संग 100 से भी ज्यादा लोगों को बचाया था
जिनेश पेशे से एक मछुआरा थे। उनकी मां ने बताया कि जब राज्य पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में था, तब चेंगन्नूर के एक चर्च ने बचाव कार्य में मदद के लिए मछुआरों की एक बैठक बुलाई। इस दौरान बैठक में ये तय हुआ कि अगले दिन सभी लोगों को एक टीम बनाकर अलग-अलग जगहों पर निकलना है। लेकिन उससे पहले ही जिनेश और उनके 6 दोस्त बचाव कार्य के लिए नाव लेकर निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने 100 से भी ज्यादा बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाया और उन्हें न जिंदगी दी।
जिनेश की इंसानियत और बहादुरी के किस्से उस समय कई अखबारों में छपे थे और कई न्यूज चैनलों में भी दिखाए गए थे।