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IAF considers to replace Antonov-32 (AN-32) planes with the C-295 News in Hindi
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IAF: ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 03 Dec 2022 08:55 AM IST
सार
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सी-295 मध्यम परिवहन विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय फर्म एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा भारत में निर्मित किया जाएगा।
भारतीय वायु सेना (IAF) के सोवियत काल के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 की जगह अब यूरोपीय कंपनी एयरबस के सी-295 विमान लेंगे। हालांकि, इन विमानों का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है। वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायु सेना अपने परिवहन बेड़े को आधुनिक बनाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत यह अहम बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है।
वायु सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, सी-295 मध्यम परिवहन विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय फर्म एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा भारत में निर्मित किया जाएगा। बता दें, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के वडोदरा में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्लांट की नींव रखी थी। देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट गुजरात के इसी प्लांट में बनकर तैयार होगा।
सी-295 पर बन रही आम सहमति
वायुसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वायु सेना के इस कदम को 1960 में परिवहन बेडे में शामिल एवरो-748 विमानों के बदलाव के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, अधिकारियों का यह भी कहना है कि एएन-32 की जगह सी-295 विमान पर आम सहमति बन रही है।
90 AN-32 का संचालन कर रही वायु सेना
भारतीय वायु सेना वर्तमान में 90 एएन-32 विमानों को संचालित कर रही है। ये विमान लद्दाख व पूर्वोत्तम समेत देश के कई हिस्सों में तैनात सैनिकों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वायु सेना के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सी-295 विमान एएन-32 की भूमिकाओं को पूरा करने में सक्षम है और यह एक बेहतर बदलाव साबित हो सकता है।
96 प्रतिशत होगी भारत की हिस्सेदारी
बीते साल, सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना ने यूरोप की एयरबस के साथ करार किया था। इस करार के तहत 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही टाटा कंपनी के साथ मिलकर निर्माण किया जाना तय हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी।
2026 से 31 तक होगी आपूर्ति
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। यह डील पूरी होने के बाद भारतीय वायु सेना C-295 परिवहन विमान की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी।
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