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केंद्र सरकार के आदेशों की नाफरमानी बर्दाश्त नहीं होगी। ऐसे अफसरों और कर्मियों की सूची बनाई जा रही है, जिन्होंने सरकार के आदेश मानने से इनकार किया है। अब वरिष्ठ मुख्य निजी सचिव, मुख्य निजी सचिव, निजी सचिव, निजी सहायक और स्टेनाग्राफर का ताजा मामला सामने आया है। इन्होंने सरकार द्वारा दिए गए नए पदभार को ग्रहण करने से मना कर दिया है। अस्थायी पदोन्नति का पद इन्हें मंजूर नहीं है।
बता दें कि इनसे पहले डिप्टी सेक्रेटरी, सेक्शन अफसर और सीनियर अकाउंटेंट जैसे अधिकारी भी सरकार के आदेशों की अवहेलना कर चुके हैं। इन अफसरों ने भी नए पदों पर ज्वाइन नहीं किया था। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सख्त लहजे में कह दिया है कि ना बोलने वाले अफसर और कर्मचारी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। यह अनुशासनहीनता का मामला बनता है।
डीओपीटी के एक अधिकारी का कहना है कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में कर्मियों की नाफरमानी बढ़ती जा रही है। इससे विभाग की कार्यक्षमता पर विपरित असर पड़ रहा है। जब अधिकारियों या कर्मियों का एक समूह सरकार के आदेशों को मानने से इनकार करता है तो वह संदेश कुछ ही समय में वायरल हो जाता है। इसका नुकसान यह होता है कि जहां पर कामकाज ठीक हो रहा है, वहां भी नियमों का उल्लंघन होना शुरू हो जाता है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए नया पद देने की योजना प्रारंभ की थी। इसमें नए पद के मुताबिक, बढ़ा हुआ वेतन भी मिलता है। पदोन्नति चाहे अस्थायी ही सही, लेकिन वह कुछ समय के लिए मिल जाती है। उसे छह माह से आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
केंद्र सरकार की इस मुहिम का उद्देश्य विभाग के काम में तेजी लाना था, लेकिन कर्मियों ने इसे सरकार की कमजोरी समझ लिया। अधिकारी के मुताबिक, अब सरकार ऐसे अधिकारियों व कर्मियों के साथ सख्ती से निपटेगी, जो विभाग में अनुशासनहीनता फैला रहे हैं। सरकार ने जो नया पद दिया है, वह सभी कर्मियों को लेना ही होगा। जैसे वरिष्ठ मुख्य निजी सचिव को मुख्य स्टाफ अफसर बनाया गया है। मुख्य निजी सचिव को वरिष्ठ निजी मुख्य सचिव, निजी सचिव को मुख्य निजी सचिव, निजी सहायक को निजी सचिव और स्टेनाग्राफर 'डी' श्रेणी को निजी सचिव का पद दिया गया है।
इनमें से अधिकांश कर्मी नया पदभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं। डीओपीटी ने अब सभी मंत्रालयों को सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। जो भी अधिकारी या कर्मी नए पद पर ज्वाइन नहीं करता, उसका नाम बताया जाए। ऐसे कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जब कभी विभाग में नियमित पदोन्नति के लिए पद भरे जाएंगे, उस वक्त इन अधिकारियों और कर्मियों को सरकार के आदेशों की अवहेलना का परिणाम भुगतना पड़ेगा।
सार
केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए नया पद देने की योजना प्रारंभ की थी। इसमें नए पद के मुताबिक, बढ़ा हुआ वेतन भी मिलता है। इस पदोन्नति को छह माह से आगे भी बढ़ाया जा सकता...
विस्तार
केंद्र सरकार के आदेशों की नाफरमानी बर्दाश्त नहीं होगी। ऐसे अफसरों और कर्मियों की सूची बनाई जा रही है, जिन्होंने सरकार के आदेश मानने से इनकार किया है। अब वरिष्ठ मुख्य निजी सचिव, मुख्य निजी सचिव, निजी सचिव, निजी सहायक और स्टेनाग्राफर का ताजा मामला सामने आया है। इन्होंने सरकार द्वारा दिए गए नए पदभार को ग्रहण करने से मना कर दिया है। अस्थायी पदोन्नति का पद इन्हें मंजूर नहीं है।
बता दें कि इनसे पहले डिप्टी सेक्रेटरी, सेक्शन अफसर और सीनियर अकाउंटेंट जैसे अधिकारी भी सरकार के आदेशों की अवहेलना कर चुके हैं। इन अफसरों ने भी नए पदों पर ज्वाइन नहीं किया था। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सख्त लहजे में कह दिया है कि ना बोलने वाले अफसर और कर्मचारी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। यह अनुशासनहीनता का मामला बनता है।
डीओपीटी के एक अधिकारी का कहना है कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में कर्मियों की नाफरमानी बढ़ती जा रही है। इससे विभाग की कार्यक्षमता पर विपरित असर पड़ रहा है। जब अधिकारियों या कर्मियों का एक समूह सरकार के आदेशों को मानने से इनकार करता है तो वह संदेश कुछ ही समय में वायरल हो जाता है। इसका नुकसान यह होता है कि जहां पर कामकाज ठीक हो रहा है, वहां भी नियमों का उल्लंघन होना शुरू हो जाता है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए नया पद देने की योजना प्रारंभ की थी। इसमें नए पद के मुताबिक, बढ़ा हुआ वेतन भी मिलता है। पदोन्नति चाहे अस्थायी ही सही, लेकिन वह कुछ समय के लिए मिल जाती है। उसे छह माह से आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
केंद्र सरकार की इस मुहिम का उद्देश्य विभाग के काम में तेजी लाना था, लेकिन कर्मियों ने इसे सरकार की कमजोरी समझ लिया। अधिकारी के मुताबिक, अब सरकार ऐसे अधिकारियों व कर्मियों के साथ सख्ती से निपटेगी, जो विभाग में अनुशासनहीनता फैला रहे हैं। सरकार ने जो नया पद दिया है, वह सभी कर्मियों को लेना ही होगा। जैसे वरिष्ठ मुख्य निजी सचिव को मुख्य स्टाफ अफसर बनाया गया है। मुख्य निजी सचिव को वरिष्ठ निजी मुख्य सचिव, निजी सचिव को मुख्य निजी सचिव, निजी सहायक को निजी सचिव और स्टेनाग्राफर 'डी' श्रेणी को निजी सचिव का पद दिया गया है।
इनमें से अधिकांश कर्मी नया पदभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं। डीओपीटी ने अब सभी मंत्रालयों को सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। जो भी अधिकारी या कर्मी नए पद पर ज्वाइन नहीं करता, उसका नाम बताया जाए। ऐसे कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जब कभी विभाग में नियमित पदोन्नति के लिए पद भरे जाएंगे, उस वक्त इन अधिकारियों और कर्मियों को सरकार के आदेशों की अवहेलना का परिणाम भुगतना पड़ेगा।