गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लुइजिन्हो फ्लेरियो ने गोवा में कांग्रेस की सरकार न बनने का आरोप एआईसीसी के महासचिव
दिग्विजय सिंह और गोवा स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख के॰सी॰ वेणुगोपाल पर लगाया। उन्होंने कहा कि गोवा में
भाजपा से ज्यादा सीटें जीतने का बावजूद दिग्विजय सिंह की वजह से
कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई।
गोवा में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेसी नेताओं के बीच झगड़े की बात को नकारते हुए फ्लेरियो ने दावा किया कि गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को केवल 21 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने उन्हें सलाह दी की कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए गोवा के गवर्नर मृदुल सिन्हा के बुलावे का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमने गवर्नर के सामने पेश करने के लिए समर्थन पत्र का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। लेकिन दिग्विजय सिंह के सुझाव पर हम रुक गए।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव परिणाम की रात 11 मार्च को ही हमें 21 विधायकों का समर्थन मिल चुका था। लेकिन हमारे पास उनके हस्ताक्षर नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैं किसी पर इल्जाम नहीं लगा रहा लेकिन उस रात को ही अगर हमने निर्णय ले लिया होता तो आज गोवा में हमारी सरकार होती।
केवल लुइजिन्हो फ्लेरियो ही नहीं कांग्रेस के कई अन्य नेता भी दिग्विजय सिंह का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार (17 मार्च) को गोवा के पूर्व विधायक विश्वजीत राणे ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लुइजिन्हो फ्लेरियो ने गोवा में कांग्रेस की सरकार न बनने का आरोप एआईसीसी के महासचिव दिग्विजय सिंह और गोवा स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख के॰सी॰ वेणुगोपाल पर लगाया। उन्होंने कहा कि गोवा में भाजपा से ज्यादा सीटें जीतने का बावजूद दिग्विजय सिंह की वजह से कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई।
गोवा में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेसी नेताओं के बीच झगड़े की बात को नकारते हुए फ्लेरियो ने दावा किया कि गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को केवल 21 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने उन्हें सलाह दी की कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए गोवा के गवर्नर मृदुल सिन्हा के बुलावे का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमने गवर्नर के सामने पेश करने के लिए समर्थन पत्र का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। लेकिन दिग्विजय सिंह के सुझाव पर हम रुक गए।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव परिणाम की रात 11 मार्च को ही हमें 21 विधायकों का समर्थन मिल चुका था। लेकिन हमारे पास उनके हस्ताक्षर नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैं किसी पर इल्जाम नहीं लगा रहा लेकिन उस रात को ही अगर हमने निर्णय ले लिया होता तो आज गोवा में हमारी सरकार होती।
केवल लुइजिन्हो फ्लेरियो ही नहीं कांग्रेस के कई अन्य नेता भी दिग्विजय सिंह का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार (17 मार्च) को गोवा के पूर्व विधायक विश्वजीत राणे ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए।