न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: आसिम खान
Updated Wed, 08 May 2019 11:52 AM IST
सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कल तक जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उम्मीदवारी रद्द किए जाने के बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।
बता दें कि तेज बहादुर यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें वाराणसी लोकसभा सीट से उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी। तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसके बाद 2017 में उसे बल से से बर्खास्त कर दिया गया था।
सपा ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है। बहरहाल, निर्वाचन अधिकारी ने यादव का नामांकन पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए। सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया।
सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कल तक जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उम्मीदवारी रद्द किए जाने के बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।
बता दें कि तेज बहादुर यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें वाराणसी लोकसभा सीट से उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी। तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसके बाद 2017 में उसे बल से से बर्खास्त कर दिया गया था।
सपा ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है। बहरहाल, निर्वाचन अधिकारी ने यादव का नामांकन पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए। सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया।