न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Thu, 27 Aug 2020 03:52 AM IST
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के दो सदस्यों ने नेताजी की रहस्यमय मौत की जांच के लिए बने मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने मौत का बिना कोई कारण और हालात की जानकारी दिए स्वाधीनता आंदोलन के नायक के बारे में फैसला सुना दिया।
इस माह की 24 तारीख को लिखे एक खुले पत्र में नेताजी के प्रपौत्र सूर्या बोस और प्रपौत्री माधुरी बोस ने कहा कि जस्टिस मनोज कुमार मुखर्जी ने 8 नवंबर, 2005 को अपनी रिपोर्ट पूरी कर ली। और उसमें बताया कि नेताजी विमान दुर्घटना में नहीं मरे, जैसा कि कहा जाता है और टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखा अवशेष भी नेता जी का नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आयोग का गठन 1999 में किया गया था, लेकिन उसने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि नेताजी की मौत किस तरीके से या किस स्थान पर कब और कैसे हुई। आयोग ने बस इतना बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत हो गई।
75 वर्ष बीत गए, पर सवाल अब भी जीवित
परिजनों ने कहा कि इस बात को 75 वर्ष हो गए, जब जापान की सरकार ने आधिकारिक रूप से बता दिया था कि उनका निधन ताइवान में 18 अगस्त, 1945 को विमान हादसे में हुआ था, लेकिन वास्तव में हुआ क्या था वह प्रश्न बहुत से लोगों के मन में आज भी अनुत्तरित और जीवित हैं। उन्होंने रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष की डीएनए जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह मुद्दा मुखर्जी कमीशन की सुनवाई के दौरान भी उठा था, लेकिन उसकी जांच नहीं हुई।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के दो सदस्यों ने नेताजी की रहस्यमय मौत की जांच के लिए बने मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने मौत का बिना कोई कारण और हालात की जानकारी दिए स्वाधीनता आंदोलन के नायक के बारे में फैसला सुना दिया।
इस माह की 24 तारीख को लिखे एक खुले पत्र में नेताजी के प्रपौत्र सूर्या बोस और प्रपौत्री माधुरी बोस ने कहा कि जस्टिस मनोज कुमार मुखर्जी ने 8 नवंबर, 2005 को अपनी रिपोर्ट पूरी कर ली। और उसमें बताया कि नेताजी विमान दुर्घटना में नहीं मरे, जैसा कि कहा जाता है और टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखा अवशेष भी नेता जी का नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आयोग का गठन 1999 में किया गया था, लेकिन उसने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि नेताजी की मौत किस तरीके से या किस स्थान पर कब और कैसे हुई। आयोग ने बस इतना बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत हो गई।
75 वर्ष बीत गए, पर सवाल अब भी जीवित
परिजनों ने कहा कि इस बात को 75 वर्ष हो गए, जब जापान की सरकार ने आधिकारिक रूप से बता दिया था कि उनका निधन ताइवान में 18 अगस्त, 1945 को विमान हादसे में हुआ था, लेकिन वास्तव में हुआ क्या था वह प्रश्न बहुत से लोगों के मन में आज भी अनुत्तरित और जीवित हैं। उन्होंने रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष की डीएनए जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह मुद्दा मुखर्जी कमीशन की सुनवाई के दौरान भी उठा था, लेकिन उसकी जांच नहीं हुई।