न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 25 Jan 2022 03:11 PM IST
महाजन इमेजिंग के संस्थापक और मुख्य रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष महाजन ने आज ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 को लेकर बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग के बिना डेल्टा और BA.2 स्टील्थ सब- वैरिएंट के बीच अंतर कर पाना मुश्किल है। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि BA.2 स्टील्थ सब-वैरिएंट का एस-जीन ड्रॉप-ऑफ आरटी-पीसीआर के अनुरूप नहीं होता है। इसे 'स्टील्थ वेरिएंट' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह थर्मो फिशर आरटी-पीसीआर किट उसी तरह का परिणाम देता है जैसा कि पहले डेल्टा में था।
बीए.2 स्ट्रेन (BA.2 sub-strain) से खतरा बहुत ज्यादा
वैज्ञानिकों के अनुसार बीए.2 स्ट्रेन (BA.2 sub-strain) से खतरा बहुत ज्यादा है, क्योंकि यह गुप्त स्ट्रेन आरटी-पीसीआर टेस्ट को भी चकमा दे रहा है। इसके कारण यूरोप में नई कोरोना लहर का खतरा पैदा हो गया है। ब्रिटेन ने कहा है कि 40 से अधिक देशों में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की इस नई उप-प्रजाति का पता चला है। यह कोरोना के महत्वपूर्ण टेस्ट आरटी-पीसीआर में पकड़ में नहीं आता है। बीए.2 उप स्वरूप यूरोप में तेजी से फैल रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमिक्रॉन की तीन उप प्रजातियां बीए.1, बीए.2 और बीए.3 हैं। बीए.1 उप स्वरूप पूरी दुनिया में पाया गया है। अब बीए.2 प्रजाति तेजी से फैल रही है। डेनमार्क की बात करें तो 20 जनवरी तक देश में बीए.2 उप प्रजाति के संक्रमितों की संख्या सक्रिय मामलों की तुलना में लगभग आधी हो गई है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार बीए.2 स्ट्रेन को जल्द 'वैरिएंट आफ कंसर्न' के रूप में घोषित किया जा सकता है।
भारत में भी मिला यह स्टील्थ स्ट्रेन
ब्रिटेन व डेनमार्क के अलावा बीए.2 स्ट्रेन स्वीडन, नार्वे और भारत में भी मिलने की खबर है। भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने भी इस नए स्वरूप को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह बीए.1 को पछाड़ सकता है। यानी इसके मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ब्रिटेन ने 10 जनवरी तक BA.2 उप स्वरूप की पहचान की थी।
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महाजन इमेजिंग के संस्थापक और मुख्य रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष महाजन ने आज ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 को लेकर बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग के बिना डेल्टा और BA.2 स्टील्थ सब- वैरिएंट के बीच अंतर कर पाना मुश्किल है। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि BA.2 स्टील्थ सब-वैरिएंट का एस-जीन ड्रॉप-ऑफ आरटी-पीसीआर के अनुरूप नहीं होता है। इसे 'स्टील्थ वेरिएंट' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह थर्मो फिशर आरटी-पीसीआर किट उसी तरह का परिणाम देता है जैसा कि पहले डेल्टा में था।
बीए.2 स्ट्रेन (BA.2 sub-strain) से खतरा बहुत ज्यादा
वैज्ञानिकों के अनुसार बीए.2 स्ट्रेन (BA.2 sub-strain) से खतरा बहुत ज्यादा है, क्योंकि यह गुप्त स्ट्रेन आरटी-पीसीआर टेस्ट को भी चकमा दे रहा है। इसके कारण यूरोप में नई कोरोना लहर का खतरा पैदा हो गया है। ब्रिटेन ने कहा है कि 40 से अधिक देशों में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की इस नई उप-प्रजाति का पता चला है। यह कोरोना के महत्वपूर्ण टेस्ट आरटी-पीसीआर में पकड़ में नहीं आता है। बीए.2 उप स्वरूप यूरोप में तेजी से फैल रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमिक्रॉन की तीन उप प्रजातियां बीए.1, बीए.2 और बीए.3 हैं। बीए.1 उप स्वरूप पूरी दुनिया में पाया गया है। अब बीए.2 प्रजाति तेजी से फैल रही है। डेनमार्क की बात करें तो 20 जनवरी तक देश में बीए.2 उप प्रजाति के संक्रमितों की संख्या सक्रिय मामलों की तुलना में लगभग आधी हो गई है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार बीए.2 स्ट्रेन को जल्द 'वैरिएंट आफ कंसर्न' के रूप में घोषित किया जा सकता है।
भारत में भी मिला यह स्टील्थ स्ट्रेन
ब्रिटेन व डेनमार्क के अलावा बीए.2 स्ट्रेन स्वीडन, नार्वे और भारत में भी मिलने की खबर है। भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने भी इस नए स्वरूप को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह बीए.1 को पछाड़ सकता है। यानी इसके मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ब्रिटेन ने 10 जनवरी तक BA.2 उप स्वरूप की पहचान की थी।