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CJI Chandrachud says Time to impose pre-hearing costs in commercial cases to prevent frivolous matters
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Supreme Court: CJI ने कही छोटे व्यावसायिक मामलों में प्री-हियरिंग कॉस्ट लगाने की बात, शीर्ष कोर्ट करेगा हैकाथन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 05 Dec 2022 11:13 PM IST
सार
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सुप्रीम कोर्ट जल्द ही पहली बार हैकाथन कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है, जिसके जरिए रजिस्ट्री में ‘फाइलिंग से लिस्टिंग’ की मौजूदा प्रक्रिया में सुधार एवं दक्षता लाने के लिए नवीन विचारों की पहचान करने और व्यावहारिक प्रस्तावों का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने वाणिज्यिक मामलों में सुनवाई के लिए प्री-हियरिंग कॉस्ट लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे वाणिज्यिक मुद्दों से जुड़े छोटे-छोटे मामलों पर शीर्ष अदालत में सुनवाई से बचा जा सकेगा और अन्य मामलों पर ज्यादा समय दिया जा सकेगा। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ एक वाणिज्यिक विवाद मामले में उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।
उन्होंने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि अब वाणिज्यिक मामलों में प्री हियरिंग कास्ट लगाने का समय आ गया है ताकि वाणिज्यिक मुद्दों से जुड़े छोटे मामलों को उच्चतम न्यायालय में बहस से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि छोटे व्यावसायिक मामलों ने अदालत का बहुत समय बर्बाद किया और इस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
सीजेआई डी चंद्रचूड़ ने मामले में याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको इस बात का एहसास नहीं है कि आप ऐसे मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट आते हैं और न्यायिक समय लेते हैं। आप उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के अंतरिम आदेश को चुनौती दे रहे हैं। इसमें हमें क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए। सीजेआई की फटकार के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
रजिस्ट्री में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट करेगा हैकाथन
सुप्रीम कोर्ट जल्द ही पहली बार हैकाथन कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है, जिसके जरिए रजिस्ट्री में ‘फाइलिंग से लिस्टिंग’ की मौजूदा प्रक्रिया में सुधार एवं दक्षता लाने के लिए नवीन विचारों की पहचान करने और व्यावहारिक प्रस्तावों का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा।
शीर्ष अदालत की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में एक ‘हैकाथन’ आयोजन का निर्देश दिया है, जो इस अदालत के इतिहास में अनूठी घटना होगी। इस कार्यक्रम में कर्तव्य धारक, हितधारक और लाभार्थी सहयोगी विचार-मंथन में शामिल होंगे, जिसका लक्ष्य लीक से हटकर नए विचारों से पारिस्थितिकी तंत्र को उन्नत करने के लिए नई पद्धति को शामिल कर विकास करना है। यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल के मार्गदर्शन में आयोजित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के सदस्य भी इसमें भाग लेंगे।
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