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Centre planning to develop more tiger corridors with help of state govts
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Tiger Corridor: बाघों के संरक्षण के लिए और टाइगर कॉरिडोर बनाएगी केंद्र सरकार, आबादी बढ़ने से लिया गया फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गुलाम अहमद
Updated Sun, 08 Jan 2023 05:45 AM IST
सार
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राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण की हाल ही कर्नाटक में हुई बैठक में बाघ आबादी प्रबंधन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है। इसमें बिहार, ओडिशा, मिजोरम, झारखंड, केरल जैसे राज्यों के वन क्षेत्रों में कॉरिडोर विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
केंद्र सरकार देश में बाघों की बढ़ती आबादी को देखते हुए उनके संरक्षण के लिए राज्यों के साथ मिलकर और बाघ कॉरिडोर बनाएगी। देश में पिछले एक साल में मारे गए 116 बाघों में ज्यादातर की मौत दुर्घटना और आवाजाही के दौरान हादसों में हुई हैं। ऐसे में कॉरिडोर विस्तार से बाघों को स्वच्छंद विचरण के साथ संरक्षण में भी आसानी होगी। देश में अभी 32 कॉरिडोर हैं।
साथ ही वन्य जीव मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर अधिक बाघ आबादी वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक अभयारण्य से बाघों को कम आबादी वाले टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित कर रहा है। इस कड़ी में हाल में सतपुड़ा, मुकुंदरा हिल्स, सरिस्का और विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों को भेजा गया है। इसमें भी नर बाघ के हस्तांतरण पर फोकस किया जा रहा है। देश में 2018 की गणना के मुताबिक, 2,967 बाघ हैं। ये 54 टाइगर रिजर्व व 32 कॉरिडोर में स्वच्छंद विचरण करते हैं।
कर्नाटक में हुई बैठक में आबादी प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा
राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण की हाल ही कर्नाटक में हुई बैठक में बाघ आबादी प्रबंधन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है। इसमें बिहार, ओडिशा, मिजोरम, झारखंड, केरल जैसे राज्यों के वन क्षेत्रों में कॉरिडोर विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा हुई और राजस्थान के कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए राज्य सरकार के संज्ञान में मामले को फिर से लाने पर भी सहमति बनी है।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा
2018 की गणना के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ हैं। दूसरे नंबर पर कर्नाटक (524) और तीसरे नंबर पर उत्तराखंड (442) है। इसके बाद 312 बाघ महाराष्ट्र और 265 बाघ तमिलनाडु में हैं। मौजूदा गणना में बाघ आबादी के दोगुने होने की संभावना है। इसे देखते हुए विभाग तेजी से बाघों को संरक्षित स्थल देने के काम में तेजी के साथ जुटा है।
बाघ आबादी के इजाफे पर मंत्रालय की नजर
एनटीसीए के सदस्य सचिव डॉ. एसपी यादव ने बताया कि बाघ आबादी के इजाफे पर मंत्रालय की नजर है। बाघ को विचरण और निर्बाध आवागमन के लिए आवश्यक है कि पर्याप्त स्थान हो। इससे संरक्षण के साथ बाघ की आबादी को विस्तार देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, बाघ को ज्यादा आबादी वाले स्थान से कम आबादी में भेजने की प्रक्रिया को समय-समय पर अंजाम दिया जाता है। यदि कॉरिडोर का विस्तार ठीक से कर दिया जाए तो बाघ आबादी में और बढ़ोतरी के साथ उसके संरक्षण की राह भी आसान होगी।
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