न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 12 Feb 2020 05:54 AM IST
बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) और यौन अपराध से संबंधित वीडियो जारी करने को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों के साथ बैठक करेगा और ऐसे वीडियो पर रोकथाम के लिए चर्चा करेगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ के समक्ष केंद्र ने बताया कि इंटरनेट कंपनियों के साथ यह बैठक गृह मंत्रालय करेगा। पीठ ने यह जानकारी मिलने के बाद इस मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी। इन चार हफ्तों में केंद्र चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से जुडे़ वीडियो बांटने के मुद्दे पर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसे इंटरनेट आधारित कंपनियों से बैठक कर चर्चा करेगा। ब्यूरो
2015 में एक पत्र पर लिया था संज्ञान
शीर्ष अदालत ने इस मामले को 2015 में हैदराबाद के एक गैर सरकारी संगठन प्रजावाला के पत्र पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। संगठन ने पत्र के साथ दुष्कर्म के दो वीडियो वाली पेन ड्राइव भी संलग्न की थी। कोर्ट में पेश वकील अपर्णा भट ने बताया कि सरकार ने ऐसे मामलों के लिए एक पोर्टल बनाया था, मगर बीते सितंबर से ही सरकार ने सभी संबंधित पक्षों के साथ कोई बैठक नहीं की।
बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) और यौन अपराध से संबंधित वीडियो जारी करने को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों के साथ बैठक करेगा और ऐसे वीडियो पर रोकथाम के लिए चर्चा करेगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ के समक्ष केंद्र ने बताया कि इंटरनेट कंपनियों के साथ यह बैठक गृह मंत्रालय करेगा। पीठ ने यह जानकारी मिलने के बाद इस मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी। इन चार हफ्तों में केंद्र चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से जुडे़ वीडियो बांटने के मुद्दे पर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसे इंटरनेट आधारित कंपनियों से बैठक कर चर्चा करेगा। ब्यूरो
2015 में एक पत्र पर लिया था संज्ञान
शीर्ष अदालत ने इस मामले को 2015 में हैदराबाद के एक गैर सरकारी संगठन प्रजावाला के पत्र पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। संगठन ने पत्र के साथ दुष्कर्म के दो वीडियो वाली पेन ड्राइव भी संलग्न की थी। कोर्ट में पेश वकील अपर्णा भट ने बताया कि सरकार ने ऐसे मामलों के लिए एक पोर्टल बनाया था, मगर बीते सितंबर से ही सरकार ने सभी संबंधित पक्षों के साथ कोई बैठक नहीं की।