न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 06 Jan 2022 07:54 PM IST
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुजरात के अहमदाबाद की कंपनी इलेक्ट्रोथर्म लिमिटेड के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। एजेंसी के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई कथित तौर पर बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 632 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में की है। इसके साथ ही सीबीआई ने यहां छह स्थानों पर तलाशी भी ली।
एजेंसी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी और इसके निदेशों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ओर से दी जाने वाली उधार सुविधा के जरिए हासिल की गई राशि को दूसरे कार्यों में इस्तेमाल करने का आरोप है। बैंक की ओर से की गई शिकायत के बाद इलेक्ट्रोथर्म (इंडिया) लिमिटेड, इसके निदेशक मुकेश भंवरलाल भंडारी, प्रबंध निदेशकों शैलेश भंडारी व अविनाश भंडारी और पूर्णकालिक निदेशक नरेंद्र दलाल समेत कुछ अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।
बैंक ऑफ इंडिया को 631 करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने का आरोप
सीबीआई ने बताया कि इस कंपनी और इससे जुड़े लोगों पर बैंक ऑफ इंडिया को 631.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। उन्होंने इस काम को साल 2012 से 2016 के बीत बैंक की विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अंजाम दिया था। सीबीआई ने बताया कि बैंक द्वारा कराए गए कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि कंपनी कथित तौर पर अपनी सब्सिडियरी और समान निदेशकों वाली सहयोगी कंपनियों के माध्यम से बैंक से मिलने वाले पैसे का हेर-फेर कर रही थी।
यह कंपनी कथित तौर पर माल की वास्तविक डिलिवरी के बिना झूठे बिल जारी करने के आरोपी संदिग्ध डीलरों के साथ लेनदेन में भी शामिल थी। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी व्यक्तियों के अहमदाबाद में स्थित छह स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी को इस दौरान कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामले की जांच जारी है।
विस्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुजरात के अहमदाबाद की कंपनी इलेक्ट्रोथर्म लिमिटेड के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। एजेंसी के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई कथित तौर पर बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 632 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में की है। इसके साथ ही सीबीआई ने यहां छह स्थानों पर तलाशी भी ली।
एजेंसी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी और इसके निदेशों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ओर से दी जाने वाली उधार सुविधा के जरिए हासिल की गई राशि को दूसरे कार्यों में इस्तेमाल करने का आरोप है। बैंक की ओर से की गई शिकायत के बाद इलेक्ट्रोथर्म (इंडिया) लिमिटेड, इसके निदेशक मुकेश भंवरलाल भंडारी, प्रबंध निदेशकों शैलेश भंडारी व अविनाश भंडारी और पूर्णकालिक निदेशक नरेंद्र दलाल समेत कुछ अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।
बैंक ऑफ इंडिया को 631 करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने का आरोप
सीबीआई ने बताया कि इस कंपनी और इससे जुड़े लोगों पर बैंक ऑफ इंडिया को 631.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। उन्होंने इस काम को साल 2012 से 2016 के बीत बैंक की विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अंजाम दिया था। सीबीआई ने बताया कि बैंक द्वारा कराए गए कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि कंपनी कथित तौर पर अपनी सब्सिडियरी और समान निदेशकों वाली सहयोगी कंपनियों के माध्यम से बैंक से मिलने वाले पैसे का हेर-फेर कर रही थी।
यह कंपनी कथित तौर पर माल की वास्तविक डिलिवरी के बिना झूठे बिल जारी करने के आरोपी संदिग्ध डीलरों के साथ लेनदेन में भी शामिल थी। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी व्यक्तियों के अहमदाबाद में स्थित छह स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी को इस दौरान कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामले की जांच जारी है।