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BJP MP moves private member bill on Uniform Civil Code in Rajya Sabha, draws stiff resistance from Opposition
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UCC: समान नागरिक संहिता के लिए निजी विधेयक का राज्यसभा में विरोध, भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने किया पेश
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 10 Dec 2022 02:00 AM IST
सार
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कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एमडीएमके, राजद, सपा, भाकपा, माकपा और एनसीपी ने इस विधेयक का यह कहते हुए विरोध किया कि यदि यह पारित हो गया तो देश में व्याप्त विविधता में एकता और सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर देगा।
भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने समान नागरिक संहिता पर निजी विधेयक राज्यसभा में पेश किया।
- फोटो : Sansad TV
देश में समान नागरिक संहिता तैयार करने के लिए पैनल गठित करने संबंधित एक निजी विधेयक शुक्रवार को हंगामे के बीच राज्यसभा में पेश किया गया। विपक्षी दलों के विरोध के बीच भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ‘भारत में समान नागरिक संहिता विधेयक, 2020’ राज्यसभा में पेश किया। यह विधेयक समान नागरिक संहिता की तैयारी और पूरे भारत में लागू करने और इससे संबंधित अन्य मुद्दों के लिए राष्ट्रीय निगरानी व जांच आयोग गठित करने की बात करता है।
दूसरी ओर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एमडीएमके, राजद, सपा, भाकपा, माकपा और एनसीपी ने इस विधेयक का यह कहते हुए विरोध किया कि यदि यह पारित हो गया तो देश में व्याप्त विविधता में एकता और सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर देगा। विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को वापस लेने की मांग की तो सभापति जगदीप धनखड़ ने मत विभाजन के लिए कहा। 63 सदस्यों ने बिल पेश करने के पक्ष में और 23 ने विरोध में वोट डाला। यह बिल पहले भी सदन में प्रस्तुत किया गया था लेकिन इसे कभी भी विधिवत पटल पर पेश नहीं किया गया। यह विधेयक बिना धार्मिक भेदभाव के देश के सभी नागरिकों के निजी अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून बनाने पर जोर देता है।
विधेयक का विरोध करते हुए तृणमूल के जवाहर सरकार ने कहा कि हमारे सामने एक निजी विधेयक है जो पूरी तरह असांविधानिक, अनैतिक और गैर धर्मनिरपेक्ष है। पक्षपाती सरकार की ओर से खतरनाक खेल के रूप में पानी की थाह लेने के इरादे से इसे निजी विधेयक के रूप में लाया गया है।
एमडीएमके सांसद वाइको ने कहा कि सत्ता पक्ष आरएसएस और भाजपा के एजेंडों को एक के बाद लागू करने में जुटा है। उन्होंने कश्मीर मुद्दा निपटा लिया है और अब समान नागरिक संहिता के साथ सामने आए हैं। यह देश को विनाश और विघटन की ओर ले जाएगा और अल्पसंख्यक लोग इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने कहा कि यह भाजपा की ओर से जानबूझकर हो रही उकसावे की कार्रवाई है और देश में समान नागरिक संहिता लागू नहीं की जा सकती।
मुद्दा उठाना किसी भी सदस्य का अधिकार : गोयल
नेता सदन पीयूष गोयल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एक सदस्य का यह वैधानिक अधिकार है कि वह संविधान के निर्देशक सिद्धांतों पर आधारित कोई मुद्दा उठाए। विधेयक पेश होने के इस स्तर पर सरकार को दोष देना या संविधान सभा के सदस्यों का नाम उल्लिखित करना उचित नहीं है।
पहले छह बार भाजपा ने मीणा को बिल वापस लेने के लिए कहा
राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि यह बिल पहले भी कई बार लाया गया और भाजपा ने मीणा से इसे लेकर आगे न बढ़ने का आग्रह किया जिससे यह मसला आगे नहीं बढ़ा। मैं ऐसे छह मौकों का गवाह हूं। अब क्या बदलाव हो गया है मैं नहीं जानता। ऐसे समय में जब शहर, गांव और परिवार विभाजित हैं, यह विधेयक देश में विभाजन को और गहरा करेगा।
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ध्रुवीकरण और बढ़ जाएगा : कांग्रेस
कांग्रेस के एल हनुमंथैया, इमरान प्रतापगढ़ी और जेबी माथेर हिशाम के साथ-साथ माकपा के ई करीम, बिकास रंजन भट्टाचार्य, वी शिवदासन, जॉन ब्रिटास और एए रहीम ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इससे देश में ध्रुवीकरण और बढ़ जाएगा। सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि विधेयक संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है और इसके उच्च सदन में पेश करने की किसी भी हाल में अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि वह मीणा से यह विधेयक वापस लेने के लिए कहें।
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