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अब हर फ्लैट धारक सफाई कर के दायरे में आएगा। आर्थिक तंगी से जूझ रही नगर परिषद सोलन बिल्डरों के मायाजाल में उलझी है। आम लोगों से सफाई पर सख्ती बरती जा रही है और बड़ी आसानी से सफाई कर के नाम पर नामी बिल्डर नगर परिषद की आंखों में धूल झोंककर पूरी बिल्डिंग का ही सफाई कर चुकता कर रहे हैं। निगम अधिकारियों के मुताबिक यह कर प्रति फ्लैट वसूला जाना चाहिए।
सोलन नगर परिषद ने जीएसआई सर्वेक्षण में कई ऐसे बड़े मामले चिन्हित किए हैं। लिहाजा आर्थिक स्थिति को सुधारने और फ्लैट्स को सफाई कर के दायरे में लाने के लिए बड़े बिल्डरों का सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे लगभग पूरा हो चुका हैै। प्रति फ्लैट हाउस टैक्स की वसूली के लिए नगर परिषद प्रशासनिक विभाग प्रस्ताव तैयार कर हाउस में फैसले के लिए भेजने जा रहा है। इसकी स्वीकृति पर मुहर लगने का दावा किया जा रहा है।
मौजूदा वक्त में यह है व्यवस्था
गृह निर्माण की लागत और लैंड वैल्यू पर 05 फीसदी सफाई टैक्स लिया जाता है। सोलन में हाउस टैक्स नहीं लिया जाता। वर्तमान में करीब 7000 हाउस होल्डर से सालाना सफाई कर लिया जाता है। यह राशि करीब 2 करोड़ होती है।
1000 से अधिक फ्लैटस
सोलन नगर परिषद के दायरे में करीब 1000 फ्लैटस हैं। दावा किया जा रहा है कि यदि इन फ्लैटस पर सफाई कर लगाया जाता है तो निगम की कर के रूप में आय दोगुना हो जाएगी। सालाना 2 करोड़ कर वसूला जा रहा है नई व्यवस्था से 4 करोड़ राशि आएगी।
मुहिम हो चुकी है शुरू
नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता ने बताया कि हर साल शहर के बिल्डर नप को सेंनिटेशन टैक्स न चुका कर करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। बिल्डर द्वारा बाहरी राज्यों के लोगों को महंगे दामों पर फ्लैट दिया जाता है। इस कारण इन फ्लैट मालिकों से टैक्स की वसूली नगर परिषद के लिए आसान कार्य नहीं होता है। अपार्टमेंट्स में जीआईएस की मदद से अब जल्द ही प्रति फ्लैट हाउस टैक्स लगाने की मुहिम शुरू हो रही है। सर्वे शुरू हो चुका है।