न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Sat, 25 Sep 2021 09:17 PM IST
रोहिणी कोर्ट के भीतर जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या करने वाले दोनों बदमाशों को पुलिस ने ढेर दिया। तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह की शिकायत पर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। अपने बयान में एसआई ने कहा है कि यदि पुलिस की ओर से गोली नहीं चलाई गई होती तो शायद कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती। दोनों ही बदमाशों के पास ऑटोमैटिक पिस्टल थीं। कोर्ट रूम के भीतर जज के अलावा वकील व अन्य स्टाफ भी मौजूद था। ऐसे में गोली चलाने वाले बदमाशों को काबू करना मुमकिन नहीं था। जैसे ही बदमाशों ने गोगी पर गोली चलाई, इस दौरान तीसरी बटालियन के जवानों, स्पेशल सेल और रोहिणी जिला स्पेशल स्टाफ ने फायरिंग कर बदमाशों को वहीं कोर्ट रूम में ढेर कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एसआई वीर सिंह व अन्यों की टीम शुक्रवार को हाई-रिस्क कैदी जितेंद्र उर्फ गोगी को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट के कमरा नंबर-207 में लेकर पहुंचा था। इस दौरान उनके साथ स्पेशल सेल की टीम भी मौजूद थी। अंदर कमरे में एडिशनल सेशन जज गगनदीप सिंह चेयर पर बैठकर मामले की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट रूप के भीतर पांच-छह वकील व स्टाफ मौजूद थे। इसी दौरान वकील के भेस में आए दोनों बदमाशों ने गोगी पर दोनों ओर से गोलियां चला दीं। तुरंत एसआई वीर सिंह व इनके साथ मौजूद दोनों सिपाही शक्ति और चिराग ने भी जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाशों पर गोलियां चला दी। गोली की आवाज सुनकर स्पेशल सेल के कमांडो ने भी अंदर पहुंचकर बदमाशों पर गोलियां चला दी। बाद में रोहिणी जिले के स्पेशल स्टाफ ने भी गोली चला दी। दोनों बदमाश वहीं पर ढेर हो गए।
एसआई वीर सिंह ने बताया कि यदि समय पर गोली नहीं चलाई गई होती तो शायद आरोपी बदमाश किसी को भी मार सकते थे। इतने कम समय में उनको जिंदा नहीं पकड़ा जा सकता था। इसलिए पुलिस टीम को मजबूरन गोली चलानी ही पड़ी। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपने के अलावा नॉर्थन रेंज के संयुक्त आयुक्त को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। वहीं दूसरी ओर वीडियो फुटेल में सुरक्षा में हुई चूक को साफ देखा जा सकता है।
विस्तार
रोहिणी कोर्ट के भीतर जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या करने वाले दोनों बदमाशों को पुलिस ने ढेर दिया। तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह की शिकायत पर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। अपने बयान में एसआई ने कहा है कि यदि पुलिस की ओर से गोली नहीं चलाई गई होती तो शायद कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती। दोनों ही बदमाशों के पास ऑटोमैटिक पिस्टल थीं। कोर्ट रूम के भीतर जज के अलावा वकील व अन्य स्टाफ भी मौजूद था। ऐसे में गोली चलाने वाले बदमाशों को काबू करना मुमकिन नहीं था। जैसे ही बदमाशों ने गोगी पर गोली चलाई, इस दौरान तीसरी बटालियन के जवानों, स्पेशल सेल और रोहिणी जिला स्पेशल स्टाफ ने फायरिंग कर बदमाशों को वहीं कोर्ट रूम में ढेर कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एसआई वीर सिंह व अन्यों की टीम शुक्रवार को हाई-रिस्क कैदी जितेंद्र उर्फ गोगी को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट के कमरा नंबर-207 में लेकर पहुंचा था। इस दौरान उनके साथ स्पेशल सेल की टीम भी मौजूद थी। अंदर कमरे में एडिशनल सेशन जज गगनदीप सिंह चेयर पर बैठकर मामले की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट रूप के भीतर पांच-छह वकील व स्टाफ मौजूद थे। इसी दौरान वकील के भेस में आए दोनों बदमाशों ने गोगी पर दोनों ओर से गोलियां चला दीं। तुरंत एसआई वीर सिंह व इनके साथ मौजूद दोनों सिपाही शक्ति और चिराग ने भी जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाशों पर गोलियां चला दी। गोली की आवाज सुनकर स्पेशल सेल के कमांडो ने भी अंदर पहुंचकर बदमाशों पर गोलियां चला दी। बाद में रोहिणी जिले के स्पेशल स्टाफ ने भी गोली चला दी। दोनों बदमाश वहीं पर ढेर हो गए।
एसआई वीर सिंह ने बताया कि यदि समय पर गोली नहीं चलाई गई होती तो शायद आरोपी बदमाश किसी को भी मार सकते थे। इतने कम समय में उनको जिंदा नहीं पकड़ा जा सकता था। इसलिए पुलिस टीम को मजबूरन गोली चलानी ही पड़ी। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपने के अलावा नॉर्थन रेंज के संयुक्त आयुक्त को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। वहीं दूसरी ओर वीडियो फुटेल में सुरक्षा में हुई चूक को साफ देखा जा सकता है।