प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में आतिशबाजी इस कदर हुई कि दिल्ली में जलने वालों की संख्या 163 तक जा पहुंची। पिछले साल की तुलना में यह संख्या करीब दोगुना से भी अधिक है क्योंकि साल 2020 में दिवाली पर 68 मामले सामने आए। जानकारी के अनुसार अकेले सफदरजंग अस्पताल में ही जलने के 55 मामले दर्ज किए गए हैं।
वहीं पटाखे की वजह से 33 लोगों की आंखों में चोट भी आई है। सफदरजंग अस्पताल के बर्न विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि दिवाली को लेकर पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया था। दिवाली से ठीक एक दिन पहले 12 बर्न के शिकार मरीज पहुंचे थे।
इनमें से आठ दिल्ली और चार बाहरी राज्य के मरीज थे। वहीं बीते बृहस्पतिवार दिवाली के दिन 43 मरीज बर्न के इलाज के लिए पहुंचे। इनमें 41 मरीज दिल्ली से थे और 2 मरीज दिल्ली से बाहर के थे। दोनों दिन मिलाकर कुल 55 मरीज दिवाली के बर्न की वजह से इलाज के लिए पहुंचे थे। पिछले साल अस्पताल में सिर्फ 28 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे थे।
वहीं एम्स एम्स के आरपी सेंटर में 33 मरीज पहुंचे। सेंटर के प्रमुख डॉक्टर जे एस तितियाल ने बताया कि पिछले दो दिनों में 33 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से 18 मरीज को आंखों में गंभीर चोटें देखने को मिली हैं जिन्हें इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा। इनकी उम्र 7 साल से लेकर 36 साल के बीच थी।
इनके अलावा नई दिल्ली स्थित आरएमल में 23 घायल इलाज के लिए पहुंचे। इसके अलावा डीडीयू अस्पताल में 25 मरीज पटाखे से झुलसने की वजह से इलाज के लिए पहुंचे थे। इसी प्रकार जीटीबी में 18, एलएनजेपी में एक, गुरुनानक आई सेंटर में एक, संजय गांधी अस्पताल में 2, राजा हरिशचंद में 3 मरीज पहुंचे थे।
विस्तार
प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में आतिशबाजी इस कदर हुई कि दिल्ली में जलने वालों की संख्या 163 तक जा पहुंची। पिछले साल की तुलना में यह संख्या करीब दोगुना से भी अधिक है क्योंकि साल 2020 में दिवाली पर 68 मामले सामने आए। जानकारी के अनुसार अकेले सफदरजंग अस्पताल में ही जलने के 55 मामले दर्ज किए गए हैं।
वहीं पटाखे की वजह से 33 लोगों की आंखों में चोट भी आई है। सफदरजंग अस्पताल के बर्न विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि दिवाली को लेकर पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया था। दिवाली से ठीक एक दिन पहले 12 बर्न के शिकार मरीज पहुंचे थे।
इनमें से आठ दिल्ली और चार बाहरी राज्य के मरीज थे। वहीं बीते बृहस्पतिवार दिवाली के दिन 43 मरीज बर्न के इलाज के लिए पहुंचे। इनमें 41 मरीज दिल्ली से थे और 2 मरीज दिल्ली से बाहर के थे। दोनों दिन मिलाकर कुल 55 मरीज दिवाली के बर्न की वजह से इलाज के लिए पहुंचे थे। पिछले साल अस्पताल में सिर्फ 28 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे थे।
वहीं एम्स एम्स के आरपी सेंटर में 33 मरीज पहुंचे। सेंटर के प्रमुख डॉक्टर जे एस तितियाल ने बताया कि पिछले दो दिनों में 33 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से 18 मरीज को आंखों में गंभीर चोटें देखने को मिली हैं जिन्हें इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा। इनकी उम्र 7 साल से लेकर 36 साल के बीच थी।
इनके अलावा नई दिल्ली स्थित आरएमल में 23 घायल इलाज के लिए पहुंचे। इसके अलावा डीडीयू अस्पताल में 25 मरीज पटाखे से झुलसने की वजह से इलाज के लिए पहुंचे थे। इसी प्रकार जीटीबी में 18, एलएनजेपी में एक, गुरुनानक आई सेंटर में एक, संजय गांधी अस्पताल में 2, राजा हरिशचंद में 3 मरीज पहुंचे थे।