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छत्तीसगढ़: SECL को मिला वर्ल्ड वाटर अवॉर्ड, खदान के पानी से कराई खेतों की सिंचाई, घरों तक पहुंचाया पेयजल

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर Published by: ललित कुमार सिंह Updated Sat, 18 Mar 2023 12:54 PM IST
सार

SECL को  वर्ल्ड वाटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उसे खदानों से निकले जल के सदुपयोग के लिए जल संरक्षण वॉटर डाइजेस्ट ने इस अवॉर्ड से नवाजा है।

SECL winner to World Water Award 2023
SECL को मिला वर्ल्ड वाटर अवॉर्ड - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार

SECL को  वर्ल्ड वाटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उसे खदानों से निकले जल के सदुपयोग के लिए जल संरक्षण वॉटर डाइजेस्ट ने इस अवॉर्ड से नवाजा है। 16 मार्च को 16वें वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड 2023 के अंतर्गत पब्लिक सेक्टर श्रेणी में कंपनी को सर्वश्रेष्ठ जल प्रबंधन पुरस्कार प्रदान किया गया है।


केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कंपनी को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी और इस्राइल के राजदूत मौजूद रहे। एसईसीएल की बात करें, तो वर्ष 22-23 में फरवरी’23 तक लगभग 735.07 लाख किलोलीटर पानी एसईसीएल की विभिन्न खदानों से निकला है। इसमें से लगभग 262.26 लाख किलोलीटर पानी स्थानीय लोगों के प्रयोग के लिए दिया गया। जहां 25.70 लाख किलोलीटर पानी का पेयजल के रूप में इस्तेमाल हुआ है। वहीं लगभग 236.56 लाख किलोलीटर पानी 2,852 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए सप्लाई किया गया।। खदान से निकले जल से 142 गांवों की लगभग 61,000 आबादी लाभान्वित हुई है।




खदानों से कोयला निकाले जाने की प्रक्रिया के दौरान माइन संप्स में भारी मात्र में पानी एकत्रित हो जाता है। खनन को सुचारु रूप से चलाने के लिए इस पानी को पंप की सहायता से बाहर सतह पर निकाला जाता है। एसईसीएल जोहिला क्षेत्र में पिपरिया जल आपूर्ति (सिंचाई) योजना के माध्यम से पिपरिया भूमिगत खदान से प्रतिदिन निकलने वाले लगभग 21.60 लाख गैलन पानी को उपचारित करने के बाद पिपरिया और सिमरिया गावों तक पहुंचाया जा रहा है। यह पानी यहाँ की लगभग 600 एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई के लिए प्रयोग में लिया जा रहा है जिससे यहां रहने 1500 ग्रामवासी लाभान्वित हो रहे हैं। जोहिला क्षेत्र में ही जमुनिया जल आपूर्ति (पेयजल एवं सिंचाई) योजना के अंतर्गत उमरिया भूमिगत खदान से प्रतिदिन निकलने वाले 28.80 लाख गैलन पानी को उपचार के पश्चात जमुनिया, सरहाटोला, लालपुर, बिलाईकाप जैसे गांवों की लगभग 5000 आबादी को पीने और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

इसके साथ खदान से निकलने वाले पानी को उमरिया नगर पालिका के फिल्टर प्लांट को भी सप्लाई किया जाता है जो कि फिल्टर होने के बाद उमरिया जिले के रहवासियों को भेजा जाता है। पानी जैसे दुर्लभ संसाधन को बचाने के लिए एसईसीएल ने जल संरक्षण का बीड़ा उठाया है। कंपनी खदान से निकलने वाले पानी के उपचार के लिए खुली खदानों में सेडिमेंटेशन टैंक/सेटलिंग तालाब बनाने पर काम कर रही है, जो वॉटर रिचार्ज बेसिन के रूप में काम करते हैं। नई दिल्ली में आयोजित उक्त समारोह में एसईसीएल के प्रतिनिधि मण्डल में मानस साहू मुख्यप्रबंधक शामिल रहे।   
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