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Bijapur: स्मार्ट टीवी देख गा सीख रहे बंदर मामा औऱ हाथी राजा के गीत, गांधी फेलोशिप से बढ़ने लगा सीखने का स्तर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बीजापुर Published by: मोहनीश श्रीवास्तव Updated Sun, 19 Mar 2023 08:40 PM IST
सार

कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा का कहना है कि, शिक्षा में तमाम तरह की समस्याओं के बीच समाधान भी जरूरी है। गांधी फेलोशिप के माध्यम से शिक्षा की मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने में स्मार्ट टीवी का उपयोग बेहतर परिणाम दे रहा है। बच्चो में सीखने की गति में तेजी आने के अलावा अन्य गतिविधियों को सीखने में आसानी हो रही है। फिलहाल 50 स्थानों पर इसकी शुरुआत की गई है। 

chhattisgarh children are learning basic education by watching smart tv in bijapur primary school
बीजापुर के प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट टीवी से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। - फोटो : संवाद

विस्तार

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शिक्षा के विकास को लेकर चल रहे नवाचार में स्मार्ट टीवी की भूमिका असरदार साबित हो रही है। गांधी फेलोशिप की टीम स्मार्ट टीवी से मनोरंजन के जरिये बच्चों को जोड़कर बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने में लगी हुई है। स्मार्ट टीवी जिले के प्राइमरी स्कूलों में कई तरह की समस्याओं को एक साथ दूर कर मूलभूत शिक्षा को प्रभावशील बनाने के लक्ष्य में उपयोगी साबित हो रही है। अब बच्चे किताबों में लिखीं कविताएं पढ़कर नहीं, बल्कि टीवी पर देखकर सीख रहे हैं। 



जिले में सैकड़ों स्कूल एकल शिक्षकीय हैं, जहाँ एक साथ पांच कक्षाओं का संचालन संभव नहीं है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती रही है। मनोरंजक शिक्षा नहीं मिलने और नियमित कक्षाओं के अभाव में बच्चों की पढ़ाई में बाधाएं बड़ी समस्या बन गई थी। इसे दूर करने कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने कक्षाओं को नियमित और मनोरंजक शिक्षा देने के लिए स्मार्ट टीवी की योजना को साकार किया। जिले के पुनः संचालित स्कूल सहित 49 स्कूलों को चयनित कर सेट टॉप बॉक्स, पेन ड्राइव के साथ स्मार्ट टीवी दी गई है। 




नवाचार को सफल बनाने की कवायद गांधी फेलोशिप के माध्यम से की गई। शिक्षकों को स्मार्ट टीवी के जरिये शिक्षा व्यवस्था और कक्षा संचालन की ट्रेनिंग दी गई। कलेक्टर ने खुद गांव में जाकर नियमित मॉनिटरिंग कर नवाचार को प्रभावी बनाने में भूमिका निभाई।  इसके बेहतर नतीजे भी दिखाई देने लगे हैं। गांव के बच्चे अब आसानी से बंदर मामा और हाथी राजा के गीत उत्साह से सुनते और सुनाते हैं। साथ ही अक्षर ज्ञान, अंक ज्ञान, कहानी-कविताएं को देखकर-सुनकर दोहराते हैं।

मनोरंजक शिक्षा के माहौल में बच्चों की कक्षाएं नियमित होने से बच्चों की उपस्थिति भी  नियमित हुई है जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मार्ग आसानी से प्रशस्त हो रहा है। आकांक्षी जिला सहयोग कार्यक्रम के प्रोग्राम लीडर हिमांशु शुक्ला का कहना हैं कि गांधी फेलोशिप की टीम लगातार ग्रामीण इलाकों में शिक्षा गुणवत्ता विकसित करने में काम कर रही है। युवाओं में क्षमता बढ़ाने व सामाजिक बदलाव लाने के लिए गांधी फेलो बुनियादी शिक्षा विकसित करने की मुहिम में जुटी हुई है।  इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। 

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