छत्तीसगढ़ में बाल श्रम को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने राज्य बाल श्रम अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए लोगों में जनजागरण अभियान चलाने, विशेष कार्यशालाएं आयोजित करने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने हर जिले में कलेक्टर्स की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। बाल श्रमिकों को मुख्य धारा से जोड़ने, उनके पढ़ने व रहने आदि की जरूरतें पूरी की जिम्मेदारी टास्क फोर्स को सौंपी गई है। अपर मुख्य सचिव विवेक ढांड ने एक कायर्योजना बनाकर शासन को भेजी थी, जो मंजूर कर ली गई है।
कलेक्टर्स की टास्क फोर्स 14 से 30 दिसंबर तक राज्य में बाल श्रमिकों को लेकर विशेष जनजागरण अभियान चला रही है। टास्क फोर्स योजना के कार्यक्रमों की शुरूआत जोरदार तरीके के साथ की जायेगी। टॉस्क फोर्स को बच्चे मजदूरी करते मिलने पर उनके लिए राहत अभियान भी चलाया जाएगा। उनके पुनर्वास का इंतजाम किया जाएगा।
इसके अलावा शासन इस कार्यक्रम से जनता को जोड़ने के लिए भी विशेष प्रयास कर रहा है। इसके लिए सामाजिक स्तर पर बाल श्रम के खिलाफ संकल्प लिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति से शपथ पत्र भी भरवाए जाएंगे। योजना को लेकर हर जिले में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। साथ ही सरकार बच्चों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू करने पर भी विचार कर रही है। इस नंबर पर फोन कर बच्चों के साथ हो रहे शोषण की शिकायत की जा सकेगी।
छत्तीसगढ़ में बाल श्रम को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने राज्य बाल श्रम अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए लोगों में जनजागरण अभियान चलाने, विशेष कार्यशालाएं आयोजित करने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने हर जिले में कलेक्टर्स की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। बाल श्रमिकों को मुख्य धारा से जोड़ने, उनके पढ़ने व रहने आदि की जरूरतें पूरी की जिम्मेदारी टास्क फोर्स को सौंपी गई है। अपर मुख्य सचिव विवेक ढांड ने एक कायर्योजना बनाकर शासन को भेजी थी, जो मंजूर कर ली गई है।
कलेक्टर्स की टास्क फोर्स 14 से 30 दिसंबर तक राज्य में बाल श्रमिकों को लेकर विशेष जनजागरण अभियान चला रही है। टास्क फोर्स योजना के कार्यक्रमों की शुरूआत जोरदार तरीके के साथ की जायेगी। टॉस्क फोर्स को बच्चे मजदूरी करते मिलने पर उनके लिए राहत अभियान भी चलाया जाएगा। उनके पुनर्वास का इंतजाम किया जाएगा।
इसके अलावा शासन इस कार्यक्रम से जनता को जोड़ने के लिए भी विशेष प्रयास कर रहा है। इसके लिए सामाजिक स्तर पर बाल श्रम के खिलाफ संकल्प लिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति से शपथ पत्र भी भरवाए जाएंगे। योजना को लेकर हर जिले में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। साथ ही सरकार बच्चों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू करने पर भी विचार कर रही है। इस नंबर पर फोन कर बच्चों के साथ हो रहे शोषण की शिकायत की जा सकेगी।