न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 09 Apr 2021 12:19 AM IST
भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंकों में एक ग्राहक द्वारा अधिकतम राशि रखे जाने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई), छोटे कारोबारियों समेत ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी क्षमता बढ़ाने के इरादे से यह बदलाव तत्काल प्रभाव से किया गया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद इस आशय की घोषणा की थी। अब तक भुगतान बैंकों के लिए यह सीमा एक लाख रुपये प्रति व्यक्तिगत ग्राहक थी।
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि भुगतान बैंकों की वित्तीय समावेश के क्षेत्र में प्रगति और इन बैंकों को कामकाज में अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने पर विचार करते हुए दिन के अंत में प्रति व्यक्तिगत ग्राहक अधिकतम राशि रखने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किये जाने का निर्णय किया गया है। खाते में राशि रखने की सीमा दोगुनी करने का निर्णय भुगतान बैंकों के कामकाज की समीक्षा पर आधारित है और वित्तीय समावेश के लिए उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने इरादे से किया गया है।
साथ ही उन्हें एमएसएमई, छोटे कारोबारियों और व्यापारियों समेत ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाना है। देश में वर्तमान में करीब छह भुगतान बैंक हैं।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंकों में एक ग्राहक द्वारा अधिकतम राशि रखे जाने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई), छोटे कारोबारियों समेत ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी क्षमता बढ़ाने के इरादे से यह बदलाव तत्काल प्रभाव से किया गया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद इस आशय की घोषणा की थी। अब तक भुगतान बैंकों के लिए यह सीमा एक लाख रुपये प्रति व्यक्तिगत ग्राहक थी।
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि भुगतान बैंकों की वित्तीय समावेश के क्षेत्र में प्रगति और इन बैंकों को कामकाज में अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने पर विचार करते हुए दिन के अंत में प्रति व्यक्तिगत ग्राहक अधिकतम राशि रखने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किये जाने का निर्णय किया गया है। खाते में राशि रखने की सीमा दोगुनी करने का निर्णय भुगतान बैंकों के कामकाज की समीक्षा पर आधारित है और वित्तीय समावेश के लिए उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने इरादे से किया गया है।
साथ ही उन्हें एमएसएमई, छोटे कारोबारियों और व्यापारियों समेत ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाना है। देश में वर्तमान में करीब छह भुगतान बैंक हैं।