न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 22 Sep 2020 04:02 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश देते हुए कहा, वह यह सुनिश्चित करे कि बैंक आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पैसे दें। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही आम्रपाली के सभी घर खरीदारों को 30 अक्तूबर तक बकाया रकम जमा करने के लिए कहा है। ऐसा न करने वालों का फ्लैट रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि, ऐसे डिफॉल्टर घर खरीदार की संख्या बहुत ही कम है। इस मामले में अगली सुनवाई पांच अक्तूबर को होगी।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने आम्रपाली के उन तमाम डिफॉल्टर घर खरीदारों को बकाया रकम का भुगतान करने के लिए कहा है जिन्होंने बिल्डर-बायर्स करार के हिसाब से भुगतान नहीं किया है। सभी को 30 अक्तूबर तक का वक्त दिया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या आम्रपाली की रुकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के बैंकों के द्वारा की जाने वाली फंडिंग को लेकर कोई नियम है या नहीं।
आरबीआई ने पूर्व में दिए अपने जवाब में कहा था कि बैंक प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, बाद में बैंकों की ओर से कहा गया था कि उन्हें आरबीआई के दिशानिर्देशों के दायरे में रहकर काम करना होता है। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से अगली सुनवाई तक हलफनामे के जरिये पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश देते हुए कहा, वह यह सुनिश्चित करे कि बैंक आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पैसे दें। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही आम्रपाली के सभी घर खरीदारों को 30 अक्तूबर तक बकाया रकम जमा करने के लिए कहा है। ऐसा न करने वालों का फ्लैट रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि, ऐसे डिफॉल्टर घर खरीदार की संख्या बहुत ही कम है। इस मामले में अगली सुनवाई पांच अक्तूबर को होगी।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने आम्रपाली के उन तमाम डिफॉल्टर घर खरीदारों को बकाया रकम का भुगतान करने के लिए कहा है जिन्होंने बिल्डर-बायर्स करार के हिसाब से भुगतान नहीं किया है। सभी को 30 अक्तूबर तक का वक्त दिया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या आम्रपाली की रुकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के बैंकों के द्वारा की जाने वाली फंडिंग को लेकर कोई नियम है या नहीं।
आरबीआई ने पूर्व में दिए अपने जवाब में कहा था कि बैंक प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, बाद में बैंकों की ओर से कहा गया था कि उन्हें आरबीआई के दिशानिर्देशों के दायरे में रहकर काम करना होता है। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से अगली सुनवाई तक हलफनामे के जरिये पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा है।