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Infosys: मूर्ति दंपती ने संस्कृत पांडुलिपियों को सहजने के लिए ₹7.5 करोड़ दान किए, जानें कैसे होगा खर्च?

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विवेक दास Updated Fri, 09 Dec 2022 06:31 PM IST
सार

Infosys Foundation: इंफोसिस फाउंडेशन की ओर से दिए गए अनुदान के तहत मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज का निर्माण भी होगा। यह एक 18,000 वर्ग फुट की 200 सीटों वाली कक्षा होगी। यहां शैक्षणिक और अनुसंधान भवन, व्याख्यान आयोजित करने के लिए एक आधुनिक सभागार और प्राचीन पुस्तकों को डिजिटाइज़ करने के लिए एक ऑडियो-विजुअल स्टूडियो और पांडुलिपियां होंगी।

Sudha-Narayana Murthy's Trust gives Rs 7.5 Cr for research on rare books in Sanskrit & Prakrit
एनआर नारायणमूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति। - फोटो : Social Media

विस्तार

इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति संस्कृत और प्राकृत भाषा में लिखी पुस्तकों व पांडुलिपियों के रखरखाव के लिए मदद देने की घोषणा की है।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार परिवार की गैर-लाभकारी संस्था मूर्ति ट्रस्ट ने संस्कृत और प्राकृत में दुर्लभ पुस्तकों और पांडुलिपियों पर शोध करने और उन्हें संरक्षित करने के लिए भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (BORI) को 7.5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।



# अनुदान की राशि से मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज का होगा निर्माण

इंफोसिस फाउंडेशन की ओर से दिए गए इसी अनुदान के तहत मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज का निर्माण भी होगा। यह एक 18,000 वर्ग फुट की 200 सीटों वाली कक्षा होगी। यहां शैक्षणिक और अनुसंधान भवन, व्याख्यान आयोजित करने के लिए एक आधुनिक सभागार और प्राचीन पुस्तकों को डिजिटाइज़ करने के लिए एक ऑडियो-विजुअल स्टूडियो और पांडुलिपियां होंगी।


# मूर्ति बोले- बीओआरआई का काम प्रशंसा के योग्य 

हाल तक इंफोसिस फाउंडेशन के प्रमुख रहे मूर्ति ने पिछले सप्ताह पुणे में प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि बीओआरआई 105 साल पुरानी संस्था है और भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमुख स्तंभ है। इसने भारी मात्रा में बौद्धिक शोध पत्र और पुस्तकें तैयार की है। उन्होंने कहा, "बीओआरआई के हर प्रोफेसर एक महान विद्वान हैं। मैं दो पुस्तकों, 'महाभारत का समालोचनात्मक परिवर्धन' और 'केन का धर्मशास्त्र' के बौद्धिक कार्य से मंत्रमुग्ध हुआ, दोनों ही मेरे दिल को बहुत प्रिय हैं।"

# निर्माणाधीन केंद्र में 60 से अधिक विद्वान रह सकेंगे

उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे समय बदला है, दर्शक हमारी संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं। अब वे जानकारी हासिल करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं ले सकेंगे और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर सकेंगे। इसलिए, मूर्ति ट्रस्ट ने एक नई और आधुनिक इमारत के साथ BORI को समर्थन देने का फैसला किया है जो भारत की सांस्कृतिक विरासत आगे बढ़ाने के लिए समर्पित होगा।" BORI के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष भूपाल पटवर्धन ने कहा कि संस्थान में लगभग 40 विद्वान भारतीय दर्शन से लेकर कथक और आयुर्वेद से लेकर खगोल विज्ञान तक विभिन्न विषयों पर काम कर रहे हैं। भारतीय अध्ययन के आगामी मूर्ति केंद्र में 60 से अधिक विद्वान रह सकते हैं। वहीं, संस्थान अब शिक्षा में भी प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन मूर्ति सेंटर ऑफ इंडिक स्टडीज में 60 से अधिक विद्वान रह सकेंगे। वहीं, संस्थान अब शिक्षा में भी प्रवेश कर चुका है।

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