{"_id":"63d2bc20a1fa1c6c5f1e1914","slug":"cbi-registers-fir-against-gtl-ltd-over-allegations-of-rs-4500-crore-fraud-case-2023-01-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"CBI: जीटीएल लिमिटेड और प्रमोटर्स के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की FIR, 4760 करोड़ की ऋण धोखाधड़ी का आरोप","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
CBI: जीटीएल लिमिटेड और प्रमोटर्स के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की FIR, 4760 करोड़ की ऋण धोखाधड़ी का आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sat, 28 Jan 2023 05:17 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
इस कंसोर्टियम में 24 बैंक शामिल हैं। जांच एजेंसी की एफआईआर के मुताबिक, जीटीएल लिमिटेड ने धोखे से कंसोर्टियम से लोन हासिल किया। इसके बाद इस लोन में से अधिकांश रुपये अपने विक्रेताओं,अज्ञात बैंक अधिकारियों आदि के साथ साजिश करके निकाल लिया। धोखाधड़ी का यह मामला धोखाधड़ी कथित तौर पर वर्ष 2009-2012 के बीच हुई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने जीटीएल लिमिटेड, उसके निदेशकों और कुछ अज्ञात बैंकरों के खिलाफ 4,760 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोगों ने कर्ज के पैसों का दूसरी जगह इस्तेमाल करके बैंकों के एक समूह को चूना लगाया है। समूह में 24 बैंक शामिल हैं।
जांच एजेंसी के मुताबिक, कंपनी ने समूह से धोखाधड़ी कर कर्ज हासिल किया और उसका अधिकांश पैसा कुछ बैंक अधिकारियों और वेंडरों के साथ मिलीभगत करके हड़प लिया। कथित धोखाधड़ी वर्ष 2009-2012 के बीच हुई थी। जांच में पाया गया कि जीटीएल कुछ वेंडरों को हर साल बड़ी मात्रा में अग्रिम राशि देती थी, लेकिन किसी सामान की आपूर्ति नहीं होती थी। बाद में इन अग्रिम भुगतानों का प्रावधान किया गया। जीटीएल को वर्ष 1987 में ग्लोबल ग्रुप के मनोज तिरोडकर ने शुरू किया था।
कंपनी पर करोड़ों का बकाया
समूह में शामिल बैंकों में से आईसीआईसीआई बैंक का जीटीएल लिमिटेड पर 650 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का 467 करोड़ व केनरा बैंक का 412 करोड़ रुपये बकाया है।
जीटीएल के साथ आरोपियों ने बनाईं कई वेंडर कंपनियां
जीटीएल लिमिटेड व उसके निदेशकों के खिलाफ 4,760 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी में केस दर्ज करने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बताया कि धोखाधड़ी को आसान बनाने के लिए, दोषियों ने जीटीएल लि. के साथ मिलकर कई वेंडर कंपनियां बनाई थीं। कंपनी ने आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक से कुछ खास कारोबारी गतिविधियों के लिए कम अवधि के लोन लिए थे। बैंक से वादा किया था कि इन पैसों का इस्तेमाल बताए गए उद्देश्यों के लिए ही होगा।
सीबीआई ने बताया कि लेकिन लोन का पैसा मिलने के बाद अधिकतर राशि का इस्तेमाल कंपनी ने बताए गए उद्देश्यों के लिए नहीं किया था। सीबीआई ने प्राथमिकी में कहा, इस तरह मेसर्स जीटीएल लिमिटेड ने बैंकों को धोखा दिया और उसके बाद बैंकों से मिले पैसों का दुरुपयोग किया। जीटीएल लिमिटेड भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में टेलीकॉम ऑपरेटरों को टेलीकॉम नेटवर्क को लगाने से जुड़ी सेवाएं, उसका संचालन और रखरखाव आदि की सेवाएं मुहैया करने के कारोबार में लगी हुई है।
जीटीएल लिमिटेड भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार नेटवर्क परिनियोजन सेवाएं, संचालन और रखरखाव सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, नेटवर्क योजना और डिजाइन सेवाएं और ऊर्जा प्रबंधन सेवाएं प्रदान करती है। मनोज तिरोडकर और ग्लोबल होल्डिंग कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीएचसी), कंपनी के प्रमोटर हैं।
39 ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में शामिल आरोपी मुंबई में गिरफ्तार
कई राज्यों में 39 ऑनलाइन धोखाधड़ी मामलों में शामिल आरोपी को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा को गुप्त जानकारी मिली थी कि आरोपी (28) अंधेरी-घाटकोपर लिंक रोड पर अपने किसी सहयोगी से मिलने वाला है।
विज्ञापन
अधिकारी के अनुसार आरोपी तेलंगाना में 35, दिल्ली में दो और झारखंड व महाराष्ट्र में एक-एक ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में शामिल है। उसका नाम 326 अन्य ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतों में भी आया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी का नाम उजागर नहीं किया है। पुलिस ने बताया कि धोखेबाज लोगों को एस्कॉर्ट सेवाएं और महिलाएं उपलब्ध कराने का दावा कर पेमेंट एप के जरिये पैसे लेते थे। ये अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर भी लोगों से पैसे वसूलते थे। अधिकारी ने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी को पुणे पुलिस को सौंप दिया गया है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।