ऑटो सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए सरकार 15 साल पुराने वाहन कबाड़ नीति के तहत टैक्स में छूट का एलान कर सकती है। इस योजना का एलान सरकार इस हफ्ते कर सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सड़क, परिवहन मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक प्रजेंटेशन भी दिया है।
पिछले हफ्ते सरकार ने किए थे कई उपाय
वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते वाहन उद्योग को मंदी से उबारने के लिए कई राहतों का एलान किया था। जिनमें सरकारी विभागों पर नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाने के साथ, मार्च, 2020 तक खरीदे गए बीएस-4 वाहनों को उनके रजिस्ट्रेशन की पूरी अवधि तक चलाने का एलान किया था। इसके अलावा सरकार ने पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति लाने की भी घोषणा की थी।
पहले जानेगी जनता का रुख
वहीं अब सरकार पुराने वाहनों का इस्तेमाल बंद करने और नए वाहनों की खरीद की प्रस्तावित नीति का आंकलन कर रही है। साथ ही, मंत्रालय ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन की फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी टाल दिया है। सरकार के एजेंडे साल में दो बार पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट को अनिवार्य रूप से एक बार फिर से शामिल करना भी है। इसके अलावा, व्यापार योग्य स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट पेश करने की भी योजना है। खबरों के मुताबिक सरकार इस सप्ताह में जनता रुख जानने के लिए वाहन कबाड़ नीति जारी कर सकती है। इस एजेंडे के पीछे पुराने वाहनों को बाहर करने के साथ नए वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित भी करना है।
ऑटो इंडस्ट्री ने की थी शुल्कों में कटौती की मांग
वहीं मंत्रालय ने ऑटो इंडस्ट्री की चिंताओं को देखते हुए सरकार अब सक्रिय तौर पर फीस बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा सक्रिय नहीं है। ऑटो कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि उन्हें मंदी से उबारने के लिए सरकार कोई पैकेज जारी करे। इंडस्ट्री ने जीएसटी की दरों में कमी के साथ रजिस्ट्रेशन फीस समेत दूसरे शुल्कों को कम करने की मांग की थी।
पिछले महीने जारी किया था ड्राफ्ट
पिछले महीने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राफ्ट अधिसूचना जारी करके इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों की रजिस्ट्रेशन फीस में 5,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया था। फिलहाल यह राशि 600 रुपये है। इसके अलावा इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों के रजिस्ट्रेशन री-न्यू करवाने की फीस बढ़ाकर 15000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने ठंडे बस्ते में डाला
सूत्रों का कहना है कि हालांकि सड़क, परिवहन मंत्रालय के इस मसौदे पर फैसला 26 अगस्त को करना था, लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। फीस बढ़ोतरी पर फैसला दो महीने से पहले नहीं होने वाला है, तब तक पुरानी फीस ही जारी रहेगी।
13 गुना बढ़ोतरी की थी तैयारी
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक पेट्रोल और डीजल से चलने वाले दोपहिया वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस 1,000 रुपये, तिहपिया वाहनों पर 5,000 रुपये और कमर्शियल लाइट मोटर व्हीकल्स पर 10,000 और मध्यम श्रेणी के भारी वाहनों और यात्री वाहनों पर 20,000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस की जानी चाहिए।
ऑटो सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए सरकार 15 साल पुराने वाहन कबाड़ नीति के तहत टैक्स में छूट का एलान कर सकती है। इस योजना का एलान सरकार इस हफ्ते कर सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सड़क, परिवहन मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक प्रजेंटेशन भी दिया है।
पिछले हफ्ते सरकार ने किए थे कई उपाय
वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते वाहन उद्योग को मंदी से उबारने के लिए कई राहतों का एलान किया था। जिनमें सरकारी विभागों पर नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाने के साथ, मार्च, 2020 तक खरीदे गए बीएस-4 वाहनों को उनके रजिस्ट्रेशन की पूरी अवधि तक चलाने का एलान किया था। इसके अलावा सरकार ने पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति लाने की भी घोषणा की थी।
पहले जानेगी जनता का रुख
वहीं अब सरकार पुराने वाहनों का इस्तेमाल बंद करने और नए वाहनों की खरीद की प्रस्तावित नीति का आंकलन कर रही है। साथ ही, मंत्रालय ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन की फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी टाल दिया है। सरकार के एजेंडे साल में दो बार पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट को अनिवार्य रूप से एक बार फिर से शामिल करना भी है। इसके अलावा, व्यापार योग्य स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट पेश करने की भी योजना है। खबरों के मुताबिक सरकार इस सप्ताह में जनता रुख जानने के लिए वाहन कबाड़ नीति जारी कर सकती है। इस एजेंडे के पीछे पुराने वाहनों को बाहर करने के साथ नए वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित भी करना है।
ऑटो इंडस्ट्री ने की थी शुल्कों में कटौती की मांग
वहीं मंत्रालय ने ऑटो इंडस्ट्री की चिंताओं को देखते हुए सरकार अब सक्रिय तौर पर फीस बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा सक्रिय नहीं है। ऑटो कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि उन्हें मंदी से उबारने के लिए सरकार कोई पैकेज जारी करे। इंडस्ट्री ने जीएसटी की दरों में कमी के साथ रजिस्ट्रेशन फीस समेत दूसरे शुल्कों को कम करने की मांग की थी।
पिछले महीने जारी किया था ड्राफ्ट
पिछले महीने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राफ्ट अधिसूचना जारी करके इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों की रजिस्ट्रेशन फीस में 5,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया था। फिलहाल यह राशि 600 रुपये है। इसके अलावा इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों के रजिस्ट्रेशन री-न्यू करवाने की फीस बढ़ाकर 15000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने ठंडे बस्ते में डाला
सूत्रों का कहना है कि हालांकि सड़क, परिवहन मंत्रालय के इस मसौदे पर फैसला 26 अगस्त को करना था, लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। फीस बढ़ोतरी पर फैसला दो महीने से पहले नहीं होने वाला है, तब तक पुरानी फीस ही जारी रहेगी।
13 गुना बढ़ोतरी की थी तैयारी
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक पेट्रोल और डीजल से चलने वाले दोपहिया वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस 1,000 रुपये, तिहपिया वाहनों पर 5,000 रुपये और कमर्शियल लाइट मोटर व्हीकल्स पर 10,000 और मध्यम श्रेणी के भारी वाहनों और यात्री वाहनों पर 20,000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस की जानी चाहिए।