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रोडवेज: परिचालकों की भर्ती पर रोक

Agra Updated Thu, 08 Mar 2012 11:46 AM IST
आगरा। रोडवेज में परिचालकों की सीट पर बैठे अधिकतर पीआरडी जवानों के फर्जी होने के खुलासे के बाद प्रबंध निदेशक ने पीआरडी के माध्यम से होने वाली परिचालकों की भर्ती पर रोक लगा दी है।


जिला युवा कल्याण अधिकारी फर्रुखाबाद द्वारा आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखे पत्र से फर्जी होने की बात पहले ही साबित हो गई थी। ‘अमर उजाला’ ने 29 जुलाई के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद ही ये कदम उठाया गया है।


पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) स्वयं सेवकों को रोडवेज में परिचालक पदों पर रखे जाने के लिए करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया था। मामले में तत्कालीन फरुर्खाबाद के जिला युवा कल्याण अधिकारी जगदीश नरायण सस्पेंड चल रहे हैं।

गौर हो कि वर्तमान में फरुर्खाबाद के जिला युवा कल्याण अधिकारी अरविंद कुमार कुशवाहा ने आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक नीरज सक्सेना को फर्जी पीआरडी स्वयंसेवकों का वेतन रोकने के आशय से पत्र लिखा, लेकिन उन पीआरडी जवानों का वेतन नहीं रोका गया।

उल्टे नियमों को दरकिनार करते हुए भर्ती की गई है और पिछले डेढ़ साल में करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। इस खबर को ‘अमर उजाला’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसी के बाद विभाग ने कदम उठाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

रोडवेज के प्रबंधन निदेशक आलोक कुमार ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि अग्रिम आदेशों तक किसी संविदा परिचालक को पीआरडी के माध्यम से आबद्ध न किया जाए। इसके अलावा प्रबंध निदेशक ने रोडवेज के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों से 15 मार्च के बाद किसी भी तरह से भर्ती किए गए संविदा परिचालकों की जानकारी मुख्यालय में तलब की है।
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नई भर्तियों पर रोक लगाने से कुछ नहीं होने वाला है। गड़बड़झाला पुरानी भर्तियों में हुआ है। जब तक दोषी अधिकारियों का पर्दाफाश नहीं किया जाता, तब तक कुछ नहीं होना है। वैसे भी रक्षाबंधन की भीड़-भाड़ खत्म होने के बाद तो खुद उनकी छंटनी की जानी है। इस बीच मामला दबाया जा सकता है।
अरविंद कुमार कुशवाहा
युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास अधिकारी, फर्रुखाबाद
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