Hindi News
›
World
›
USA said sweden finland ready to join nato hence turkey opposing after quran burning protest
{"_id":"63cf4030f26bb133ef2e0fad","slug":"usa-said-sweden-finland-ready-to-join-nato-hence-turkey-opposing-after-quran-burning-protest-2023-01-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"NATO: तुर्किए के विरोध के बावजूद अमेरिका ने कहा- नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन, फिनलैंड तैयार","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
NATO: तुर्किए के विरोध के बावजूद अमेरिका ने कहा- नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन, फिनलैंड तैयार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 24 Jan 2023 07:57 AM IST
अमेरिका का यह बयान तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तुर्किए के दूतावास के नजदीक हुए विरोध प्रदर्शन के बाद स्वीडन को नाटो में शामिल होने के लिए तुर्किए के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
नेड प्राइस
- फोटो : सोशल मीडिया
Link Copied
विस्तार
Follow Us
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा है कि फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होने के लिए तैयार हैं। स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ऐसे पवित्र ग्रंथ को जलाना, जिसमें कई लोगों की आस्था है, यह बेहद ही अपमानजनक काम है। हालांकि नेड प्राइस ने ये भी कहा कि कानूनी तौर पर कुछ सही लेकिन अजीब भी हो सकता है। बता दें कि अमेरिका का यह बयान तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तुर्किए के दूतावास के नजदीक हुए विरोध प्रदर्शन के बाद स्वीडन को नाटो में शामिल होने के लिए तुर्किए के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि स्वीडन में तुर्किए के दूतावास के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता रासमस पालूदान ने पवित्र कुरान की एक प्रति जलाई थी। इस पर तुर्किए और अन्य कई मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसके बाद तुर्की ने स्वीडन के रक्षा मंत्री का तुर्की दौरा भी रद्द कर दिया था। इस दौरे में तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो में शामिल होने के लिए अहम बातचीत होनी थी। स्वीडन के रक्षा मंत्री का दौरा रद्द होने से स्वीडन के नाटो में शामिल होना खटाई में पड़ गया था। हालांकि अब अमेरिका ने तुर्किए के विरोध को दरकिनार करते हुए संकेत दिए हैं कि स्वीडन और फिनलैंड को जल्द नाटो में शामिल किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि स्वीडन और फिनलैंड लंबे समय से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि तुर्किए की आपत्ति के चलते स्वीडन का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। नाटो का सदस्य बनने के लिए इसके सभी सदस्य देशों की मंजूरी जरूरी होती है। यही वजह है कि तुर्किए की वजह से स्वीडन नाटो का सदस्य नहीं बन पा रहा है। तुर्किए के खिलाफ कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी अलग देश की मांग को लेकर संघर्ष छेड़े हुए है।
तुर्किए का आरोप है कि स्वीडन की सरकार कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी का समर्थन करती है। साथ ही तुर्किए की मांग है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के आलोचकों को स्वीडन की सरकार निर्वासित करे। हालांकि स्वीडन अपनी संप्रभुता और बोलने की आजादी के अधिकार के चलते तुर्किए की इन मांगों को नहीं मान रहा है। यही वजह है कि तुर्किए, स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने की राह में रोड़ा बन रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।