वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Updated Fri, 30 Aug 2019 11:05 AM IST
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण की विरासत केवल तबाही है और जब दुनिया में तनाव बढ़ रहा है तब ऐसे में, हमारी सामूहिक सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करने वाली एक वैश्विक संधि लागू की जाए।
परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर गुतारेस ने कहा कि मैं उन देशों से एक बार फिर गुहार लगाना चाहूंगा कि वे सीटीबीटी (व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करके उसकी पुष्टि करें, विशेषकर जिनका ऐसा करना संधि को क्रियान्वित करने के लिए अनिवार्य है।
सीटीबीटी परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का केंद्रीय स्तंभ है। व्यापक स्तर पर समर्थन मिलने के बावजूद दो दशक से यह अभी क्रियान्वित नहीं हो पाई है। 184 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और 168 ने इसकी पुष्टि की है।
महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एक प्रभावी एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी निषेध आवश्यक है, जो लंबे समय से अधर में लटका है।
परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 1991 में, पूर्व सोवियत संघ के सबसे बड़े कजाकिस्तान के सेमलिपाल्टिंस्क में परमाणु परीक्षण स्थल के समापन का प्रतीक है। 450 से अधिक परीक्षण वहां हुए, जिसका प्रभाव दशकों बाद भी महसूस किया जा रहा है।
व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि संगठन (सीटीबीटीओ) एक वियना-आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसे सीटीबीटी के जगह पर स्थापित किया जाएगा। यह प्रतिबंध को जांच करने के लिए काम में लिया जाएगा और यह दुनिया भर में निगरानी प्रणाली का संचालन करेगा और स्थल पर जाकर निरीक्षण करेगा।
सार
- संयुक्त राष्ट्र ने कहा परमाणु परीक्षण की विरासत केवल एक तबाही है
- परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करने वाली वैश्विक संधि लागू की जाए
- महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने राष्ट्रों को सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया
विस्तार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण की विरासत केवल तबाही है और जब दुनिया में तनाव बढ़ रहा है तब ऐसे में, हमारी सामूहिक सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करने वाली एक वैश्विक संधि लागू की जाए।
परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर गुतारेस ने कहा कि मैं उन देशों से एक बार फिर गुहार लगाना चाहूंगा कि वे सीटीबीटी (व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करके उसकी पुष्टि करें, विशेषकर जिनका ऐसा करना संधि को क्रियान्वित करने के लिए अनिवार्य है।
सीटीबीटी परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का केंद्रीय स्तंभ है। व्यापक स्तर पर समर्थन मिलने के बावजूद दो दशक से यह अभी क्रियान्वित नहीं हो पाई है। 184 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और 168 ने इसकी पुष्टि की है।
महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एक प्रभावी एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी निषेध आवश्यक है, जो लंबे समय से अधर में लटका है।
परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 1991 में, पूर्व सोवियत संघ के सबसे बड़े कजाकिस्तान के सेमलिपाल्टिंस्क में परमाणु परीक्षण स्थल के समापन का प्रतीक है। 450 से अधिक परीक्षण वहां हुए, जिसका प्रभाव दशकों बाद भी महसूस किया जा रहा है।
व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि संगठन (सीटीबीटीओ) एक वियना-आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसे सीटीबीटी के जगह पर स्थापित किया जाएगा। यह प्रतिबंध को जांच करने के लिए काम में लिया जाएगा और यह दुनिया भर में निगरानी प्रणाली का संचालन करेगा और स्थल पर जाकर निरीक्षण करेगा।