वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 24 Jun 2020 08:47 AM IST
घरों और दफ्तरों के भीतर कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक यह प्रभावी, आसानी से लगने और आर्थिक रूप से किफायती भी है। एसीएस नैनो पत्रिका में इसे लेकर एक अध्ययन छपा है। अध्ययन में मौजूदा यूवी-सी स्रोतों जैसे फ्लोरोसेंट लैंप, माइक्रोकैविटी प्लाजमा और एलईडी का विश्लेषण किया गया है।
इसमें पाया गया कि इस तरह की लाइट को बिल्डिंग के भीतर वेंटिलेशन सिस्टम और साझा इंडोर जगह पर लगाने से यह संभव है कि हवा में मौजूद और सतह में जमे एसएआएस-सीओवी-2 वायरस को तेजी व प्रभावी तरीके से निष्क्रिय किया जा सकता है। शोधकार्ताओं में शामिल स्पेन के सीएफओ- दी इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोनिक साइंसेज ने इस तकनीक को लगाने की कीमतों का पता करने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि यूवी-सी स्रोतों में कुछ अरब डॉलर के वैश्विक निवेश से दुनिया भर में इंडोर में काम करने वाले कर्मियों की रक्षा की जा सकती है। लंबी शोध शृंखलाओं के मुताबिक बाहर के मुकाबले वायरस अंदर प्रसार दर बहुत ज्यादा है। इस समस्या को कम करने के लिए फिल्टर और केमिकल को संभावित समाधान के तौर पर पेश किया गया है। इसके अलावा ओजोन जैसे केमिकल वायरस के डिसन्फेक्शन के लिए काफी प्रभावी हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग इनसान के लिए खतरनाक हो सकता है।
घरों और दफ्तरों के भीतर कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक यह प्रभावी, आसानी से लगने और आर्थिक रूप से किफायती भी है। एसीएस नैनो पत्रिका में इसे लेकर एक अध्ययन छपा है। अध्ययन में मौजूदा यूवी-सी स्रोतों जैसे फ्लोरोसेंट लैंप, माइक्रोकैविटी प्लाजमा और एलईडी का विश्लेषण किया गया है।
इसमें पाया गया कि इस तरह की लाइट को बिल्डिंग के भीतर वेंटिलेशन सिस्टम और साझा इंडोर जगह पर लगाने से यह संभव है कि हवा में मौजूद और सतह में जमे एसएआएस-सीओवी-2 वायरस को तेजी व प्रभावी तरीके से निष्क्रिय किया जा सकता है। शोधकार्ताओं में शामिल स्पेन के सीएफओ- दी इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोनिक साइंसेज ने इस तकनीक को लगाने की कीमतों का पता करने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि यूवी-सी स्रोतों में कुछ अरब डॉलर के वैश्विक निवेश से दुनिया भर में इंडोर में काम करने वाले कर्मियों की रक्षा की जा सकती है। लंबी शोध शृंखलाओं के मुताबिक बाहर के मुकाबले वायरस अंदर प्रसार दर बहुत ज्यादा है। इस समस्या को कम करने के लिए फिल्टर और केमिकल को संभावित समाधान के तौर पर पेश किया गया है। इसके अलावा ओजोन जैसे केमिकल वायरस के डिसन्फेक्शन के लिए काफी प्रभावी हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग इनसान के लिए खतरनाक हो सकता है।