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नाइजीरिया में उन पांच भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया गया है जिन्हें नाइजीरिया के तट पर पिछले महीने उनके जहाज़ पर आक्रमण करके जलदस्युओं ने बंदी बना लिया था।
ये नाविक जिस जहाज़ के कर्मचारी थे उसे संचालित करने वाली कंपनी ने एक बयान जारी करके ये सूचना दी है।
सोमाली लुटेरों ने गत 17 दिसंबर को तेल और रसायन लेकर जा रहे एसपी ब्रसेल्स नाम के इस जहाज़ को लूट लिया था। ये घटना नाइजर डेल्टा के पास हुई थी जो कि अफ्रीका के सबसे बड़े ऊर्जा उद्योग के रूप में जाना जाता है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है, “चालक दल के पांच सदस्यों को, जिनका सशस्त्र लोगों ने अपहरण कर लिया था, उन्हें रिहा कर दिया गया है। सभी पांच लोग स्वस्थ हैं।”
इन लोगों की रिहाई कैसे हुई और किन परिस्थितियों में हुई, इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन इससे पहले ऐसी घटनाओं में जब भी रिहाई हुई है तो उसमें फिरौती दी गई है।
नाइजीरिया के तेल उत्पादक इस इलाके में और तटीय क्षेत्र में अपहरण की घटनाएं बहुत ही आम हैं।
कुआलालंपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मेरीटाइम ब्यूरो के प्रमुख नोएल चूंग ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि साल 2012 में खाड़ी क्षेत्र में अपहरण की कम से कम 51 घटनाएं हुई हैं और सोमालिया के बाद जहाजों के लिए ये इलाका सबसे खतरनाक बन गया है।
दरअसल नाइजीरिया जहाजों के लिए बेहद व्यस्त मार्ग है। ये पश्चिम अफ्रीकी देश दुनिया के दस सबसे बड़े कच्चे तेल के निर्यातक देशों में से एक है। लेकिन यहां तेल शोधन सुविधा सही न होने की वजह से नाइजीरिया को अपनी कुल जरूरतों का अस्सी प्रतिशत ईंधन आयात करना पड़ता है।
नाइजीरिया में उन पांच भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया गया है जिन्हें नाइजीरिया के तट पर पिछले महीने उनके जहाज़ पर आक्रमण करके जलदस्युओं ने बंदी बना लिया था।
ये नाविक जिस जहाज़ के कर्मचारी थे उसे संचालित करने वाली कंपनी ने एक बयान जारी करके ये सूचना दी है।
सोमाली लुटेरों ने गत 17 दिसंबर को तेल और रसायन लेकर जा रहे एसपी ब्रसेल्स नाम के इस जहाज़ को लूट लिया था। ये घटना नाइजर डेल्टा के पास हुई थी जो कि अफ्रीका के सबसे बड़े ऊर्जा उद्योग के रूप में जाना जाता है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है, “चालक दल के पांच सदस्यों को, जिनका सशस्त्र लोगों ने अपहरण कर लिया था, उन्हें रिहा कर दिया गया है। सभी पांच लोग स्वस्थ हैं।”
इन लोगों की रिहाई कैसे हुई और किन परिस्थितियों में हुई, इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन इससे पहले ऐसी घटनाओं में जब भी रिहाई हुई है तो उसमें फिरौती दी गई है।
नाइजीरिया के तेल उत्पादक इस इलाके में और तटीय क्षेत्र में अपहरण की घटनाएं बहुत ही आम हैं।
कुआलालंपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मेरीटाइम ब्यूरो के प्रमुख नोएल चूंग ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि साल 2012 में खाड़ी क्षेत्र में अपहरण की कम से कम 51 घटनाएं हुई हैं और सोमालिया के बाद जहाजों के लिए ये इलाका सबसे खतरनाक बन गया है।
दरअसल नाइजीरिया जहाजों के लिए बेहद व्यस्त मार्ग है। ये पश्चिम अफ्रीकी देश दुनिया के दस सबसे बड़े कच्चे तेल के निर्यातक देशों में से एक है। लेकिन यहां तेल शोधन सुविधा सही न होने की वजह से नाइजीरिया को अपनी कुल जरूरतों का अस्सी प्रतिशत ईंधन आयात करना पड़ता है।